राजनीति

नरसिम्हा राव की अधूरी किताब होगी पूरी, बढ़ेंगी सोनिया की मुश्किलें

देश में आर्थिक सुधारों को लागू करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव कांगेस पार्टी से पहले ‘गैर गांधी’ प्रधानमंत्री थे जो गांधी परिवार से ताल्लुक नहीं रखते थे। अपने निजी और राजनैतिक जीवन के अनुभवों पर ‘ द इनसाइडर’ नाम की विवादास्पद किताब लिखने वाले राव ‘इंसाइडर’ का सीक्वल लिख रहे थे लेकिन 2004 में उनका देहांत हो गया। राव के निजी पेपर्स और साक्षात्कार पर बेस्ड उनकी इस अधूरी किताब को पत्रकार और पीएचडी कर रहे विनय सीतापति पूरा कर रहे हैं। जुलाई में आने वाली इस किताब में इमर्जेंसी और राजीव गांधी से रिश्तों में आई खटास सहित बाबरी मस्जिद विध्वंस में नरसिम्हा राव की भूमिका पर खुलकर चर्चा की गई है।

Sequel of narsimaha rao's the insider would be published soon

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली की सड़को पर सिखों का कत्ले आम किया जा रहा था उस समय राजीव गांधी सरकार में नरसिम्हा राव गृहममंत्री थे। इसी दौरान राजीव गांधी के करीबी एक नेता ने नरसिम्हा राव से कहा दिल्ली के कमिश्नर और एसएचओ सीधे पीएमओ को रिपोर्ट करेंगे। और इसकी वजह राव को यह बताई गई कि दिल्ली की सड़कों पर हो रहे सिखों के कत्ल को आसानी से रोका जा सकेगा।आर्थिक सुधारों और विदेश नीति के मुद्दों सहित इस किताब में खुलासा किया गया है कि 1993 में सोनिया गांधी अचानक एनडी तिवारी और अर्जुन सिंह पर अधिक विश्वास करने लगीं थीं। जिसकी वजह से नरसिम्हा राव और सोनिया गांधी के रिश्ते बिगड़ने लगे थे और राव को लगता था सोनिया उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाना चाहती हैं। इसलिए राव हमेशा सोनिया गांधी को लगातार हाशिए पर रखने के प्रयास करते रहे।

बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद नरसिम्हा राव का कांग्रेस पार्टी में काफी विरोध हुआ लेकिन इसके बावजूद वह अपना प्रधानमंत्री पद बचाए रखने में कामयाब रहे और साथ ही पहले से मजबूत स्थिति में आ गए। किताब में जिक्र है बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद राव ने कहा वह मस्जिद को दोबारा बनवाएंगे लेकिन विनय सीतापति को मिले कई पत्रों में यह बात सामने आई है कि उनकी कैबिनेट के ही कई लोगों ने इस कदम का विरोध किया था।

नरसिम्हा राव की अप्वाइंटमेंट डायरी से पता चलता है जिस दिन बाबरी मस्जिद गिराई जा रही थी एस्ट्रोलोजर एन के शर्मा राव के साथ थे। कैबिनेट मीटिंग देर से बुलाने का कारण कारसेवकों को काम पूरा करने देना नहीं था। राव देर शाम तक कल्याण सिंह सरकार को बर्खास्त करने का इंतजार सिर्फ इसलिए करते रहे ताकि सरकार की बर्खास्तगी के इस फैसले में विरोधी अर्जुन सिंह को भी शामिल कर सकें। जुलाई में आने वाली इस किताब की चर्चा अभी से शुरू हो गई है ऐसी आशंका भी जताई जा रही कि इस किताब में कई बड़े राज से पर्दा उठ सकता है।

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