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पिता कलेक्टर के हस्ताक्षर के लिए खा रहा था दर-दर की ठोकरें, अब बेटी खुद ही बन गई IAS ऑफिसर

नई दिल्ली – जी हां आपने ऊपर की हेडिंग को बिल्कुल सही पढ़ा है। करीब 170 से अधिक वर्षों तक तमिलनाडु में सलेम जिले से एक भी महिला कलेक्टर पद तक नहीं पहुंच सकी थी। इस जिले की 170 वर्षों तक किसी भी महिला ने कलेक्टर पद तक अपनी पहुंच नहीं बनाई थी। लेकिन, यह एक महाराष्ट्रा के एक किसान की बेटी ने कुछ ऐसा किया जो इस वक्त सुर्खियों में है। इस जिले से वैसे तो हर साल एक दो लड़के आईएएस ऑफिसर बन ही जाते थे लेकिन पिछले 170 सालों से यहां से कोई महिला इस पद तक नहीं पहुंच सकी था। लेकिन, अब एक किसान की बेटी IAS ऑफिसर बन गई है। अब रोहिणी बिदारी 1790 के बाद से तमिलनाडु के सलेम जिले की पहली महिला कलेक्टर बन गईं हैं।

किसान की बेटी IAS ऑफिसर बन गई

जब रोहिणी नौ साल का थी, तो वह बहुथ दुःखी थी क्योंकि उनके पिता अपनी किसानी के लिए सरकार से मिलने वाले लाभ का फायदा उठाने के लिए कलेक्टर ऑफिस का रोज़ चक्कर लगाते थे। रोहिणी ने एक बार अपने पिता को परेशान देख उनसे पूछा था कि वह कौन सा अधिकारी है जिसके हस्ताक्षर से आपको सरकार की ओर से मिलने वाली हर सुविधा मिल सकती है। तब रोहिणी के पिता ने कहा था कि जिला कलेक्टर के हस्ताक्षर आवश्यक हैं, तभी वो सरकारी सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं। उसी क्षण से रोहिणी ने अपने पिता की परेशानी को देखते हुए आईएएस बनने का ख्वाब देखा। और 23 साल बाद रोहिणी ने उसी जज्बे के साथ आईएएस की परिक्षा पास की।

एक सरकारी कॉलेज से इंजीनियरिंग की अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद देश की इस युवा आईएएस अधिकारी ने किसी भी निजी कोचिंग में पढ़े बिना सिविल सर्विस परीक्षा पास की। यह एक सरकारी संस्थान में छात्र के लिए खुद में बहुत बड़ी उपलब्धि है। रोहिणी ने अपने पिता को संघर्ष करते देखा और संकल्प लिया कि जिनके हस्ताक्षर के लिए उनके पिता को इस कदर से भटकना पड़ रहा है वो एक दिन ऐसी ही अधिकारी बनेंगी। रोहिणी के मुताबिक, मेरे पिता 65 साल के स्वयंसेवक हैं।

पिता को संघर्ष करता देख जागा जज्बा

जब मैंने उनसे कहा कि मैं कलेक्टर बनना चाहती हुँ तो उन्होंने कहा कि तुम एक कलक्टर जरुर बनों लेकिन हमेशा मेरे जैसे जरुरतमंदों की मदद करना। इसके बाद किसान की बेटी IAS ऑफिसर बन गई। अपने पिता को इस कदर परेशान देख एक किसान की बेटी IAS ऑफिसर बन गई। आईएएस ऑफिसर बनने के बाद रोहिणी ने करुथराजपालयम गांव के स्कूल का दौरा किया और क्लास के दौरान खेल के मैदान पर खेलने वाले बच्चों को देखकर उन्होंने इसका कारण पूछा।

तो उन्हें बताया गया कि वे अपने शिक्षकों का इंतजार कर रहे हैं। रोहिणी ने बिना किसी संकोच के छात्रों को कक्षा में वापस लाने के बाद उन्हें जरुरी विषय पर जानकारी दी। वर्तमान में रोहिणी सेलम के लोगों के लिए काफी अच्छा कार्य कर रही हैं। वो लोगों को स्वच्छता के प्रति भी जागरुक कर रही हैं। रोहिणी भले ही अपने पिता कि वजह से आईएएस बनी हो लेकिन वो जनता के लिए कार्य कर रही हैं। रोहिणी अपने दायित्वों को पूरा कर समाज के लिए एक मिशाल पेश कर रही हैं।

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