स्वास्थ्य

मर्दानी शक्ति बढ़ाने के लिए राजा महाराजा लोग करते थे इन चीजों का उपयोग,जानिए कौन सी हैं वो चीज़ें

स्टेमिना से अभिप्राय मानसिक क्षमता है या शारीरिक क्षमता होता है. ये सिक्के के दो पहलुओं की तरह होते हैं मानसिक क्षमता और शारीरिक क्षमता. दोनों ही हमारे स्टेमिना को बनाये रखने के लिए जरुरी होते हैं. हमारे शरीर का स्टेमिना बहुत महत्वपूर्ण होता है जो हमारी दिनचर्या को सुचारु रूप से चलाने के लिए हमारी मदद करता है. आजकल के भागदौड़ के समय में लम्बे समय तक स्टेमिना बनाये रखने की जरुरत होती हैं.

पुराने ज़माने के लोगों का खान-पान और रहन – सहन ऐसा होता था कि वो लोग पुरे दिन भर काम करने का बावजूद भी थकते नहीं थे. आम जनता के साथ-साथ अगर राजा -महाराजा की बात की जाए तो स्टेमिना के मामले में उनका कोई जवाब ही नहीं था. राजा महाराजा हमेशा जवान दि‍खते थे. इसके पीछे उनका रहन-सहन और खान-पान के साथ-साथ उनके दरबार के नीम हकीमों का जादू और उनकी रानियों का जादू होता था. इस जादू के चलते वो सालों-साल जवान और तंदुरूस्त दिखाई देते थे. उनका स्टेमिना अच्छे-अच्छे लोगों को परास्त कर सकता था.

आइये जानते है राजा-महाराज किन चीज़ों का उपयोग कर अपना स्टेमिना बनाये रखते थे.

केसर-

kesar
कई युगों से केसर का इस्तेमाल किया जाता रहा है. केसर में अनगिनत गुण हैं. केसर का उपयोग खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ कई तरह के आयुर्वेदिक उपचार में भी किया जाता है. केसर के फूल के तीन भागों में सेफ्रोन स्टिग्मा शामिल होता हैं जो स्टेमिना को बढ़ाने के काम आता है. सामान्य भाषा में इसे पॅटटी के रूप में भी जाना जाता है. केसर त्वचा के लिए उत्कृष्ट माना जाता है जिसके उपयोग से राजा-महाराज जवान रहते थे.

सफेद मूसली-

विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों जैसे, आयुर्वेद, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा आदि में सफेद मुसली का उपयोग होता आ रहा है. ये एक जड़ी-बूटी है, जो शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिये काफी मशहूर है. इसका उपयोग इन्फर्टिलिटी और स्पर्म की कमी को दूर करने के लिए और यौन शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता था. मूलतः यह एक ऐसी जडी-बूटी है जिससे किसी भी प्रकार की शारीरिक शिथिलता को दूर करने की क्षमता होती है. उस समय के राजा-महाराजा इसका भरपूर उपयोग किया करते थे.

शिलाजीत-

शिलाजीत एक प्राचीन हर्बल है जिसमें 85 तरह के खनिज और तत्व होते हैं जो मानव शरीर को बेहतर बनने के लिए जरुरी होते है. शिलाजीत में फुलविक एसिड होता है जो शरीर को खनिजों और तत्वों को सोखने की शक्ति प्रदान करता है. शिलाजीत के सेवन से राजा -महाराजा अपने शरीर को तंदरुस्त बनाये रखते थे.

अश्वगंधा-

यह वो प्राचीन जड़ी बूटी है जो दोनों मन और शरीर के बेहतरीन प्रदर्शन को दर्शाती है. यह शरीर को शक्ति प्रदान कर बलवान बनाती हैं. अश्वगंधा की जड़ों को त्वचा सबंधी बीमारियों के निदान हेतु भी प्रयोग में लाया जाता है. यह यौन शक्ति बढ़कर प्रजनन क्रिया को ठीक रखती है.

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