राजनीति

UNGA में PM Modi: UN के मंच से मोदी ने पाक को दी नसीहत, ड्रैगन को बातों ही बातों में चेताया

आत्मनिर्भर भारत की बात, आतंकवाद पर प्रहार और UN को जरूरी सलाह। ये रही पीएम मोदी के सम्बोधन से जुड़ी महत्वपूर्ण बात...

विपक्षी दल भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमरीका दौरे को किसी भी दृष्टिकोण से देखें, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि पीएम मोदी ने भारत की एक दमदार छवि विश्व पटल पर पेश की है। जी हां संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक ऐसे भारत की छवि पेश की। जो वैश्विक नेतृत्वकर्ता की भूमिका में दिख रहा है। वह भारत जो अपनी बातों को मनवाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बनाने की स्थिति है और शायद ही ऐसा इसके पहले कभी हुआ हो।

Pm Modi In UN

भारत के प्रधानमंत्री ने न सिर्फ़ संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए भारतीय लोकतंत्र की याद दुनिया को दिलाई, अपितु पड़ोसी देशों का बिना नाम लिए ही चीन और पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। पाकिस्तान के संदर्भ में पीएम मोदी ने कहा कि राजनीतिक हथियार के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करने वाले देशों को समझना चाहिए कि यह उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने सात साल से अधिक के कार्यकाल में चौथी बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया।


पीएम मोदी ने कहा कि यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि अफगानिस्तान की भूमि का आतंकवाद के प्रसार और आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल न हो। हमें यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि अफगानिस्तान की नाजुक स्थिति का कोई देश लाभ न उठा पाए और उसे अपने निहित स्वार्थो के लिए इस्तेमाल न कर सके। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने कहा कि, “अफगानिस्तान की महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों को मदद की जरूरत है और हमें यह मदद उपलब्ध कराकर अपना कर्तव्य पूरा करना चाहिए।”


ड्रैगन को बातों ही बातों में चेताया…

गौरतलब हो कि अपने 22 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र के संदर्भ में कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जीवनरेखा भी हैं। हमें विस्तारवाद की दौड़ से उनकी रक्षा करनी चाहिए। नियम आधारित विश्व व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक सुर में बोलना चाहिए। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हमें समुद्री संसाधनों का सिर्फ उपयोग करना है और उनका दुरुपयोग या अति दोहन नहीं करना चाहिए। बता दें कि चीन हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति लगातार मजबूत कर रहा है।


लोकतांत्रिक ताक़त का दुनिया को दिलाया एहसास…


वहीं बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत में लोकतंत्र की मजबूती का जिक्र करते हुए कहा, “मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, जिसे लोकतंत्र की जननी होने का गौरव हासिल है। लोकतंत्र की हमारी हजारों वर्षो की महान परंपरा के तहत भारत ने इस 15 अगस्त को आजादी के 75वें साल में प्रवेश किया है। हमारा देश ज्वलंत लोकतंत्र का बेहतरीन उदाहरण है। यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा, जो कभी रेलवे स्टेशन पर टी-स्टाल में अपने पिता की मदद करता था, वह आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर रहा है। मैं सबसे लंबे समय तक गुजरात का मुख्यमंत्री रहा और पिछले सात साल से देश का प्रधानमंत्री हूं। देशवासियों की सेवा करते हुए 20 साल हो रहे हैं।”

डीएनए वैक्सीन पर भी बोलें पीएम मोदी…


इतना ही नहीं कोरोना महामारी की जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, “पिछले डेढ़ वर्ष में महामारी में जीवन गंवाने वालों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। भारत ने दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन विकसित कर ली है, जिसे 12 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को लगाया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर एमआरएनए वैक्सीन बनकर तैयार होने के आखिर चरण में है। भारत ने एक बार फिर दुनिया के जरूरतमंद देशों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है। मैं आज दुनियाभर के वैक्सीन निर्माताओं को भी आमंत्रित करता हूं कि आइए, भारत में आकर वैक्सीन बनाइए।”

आजादी के 75वें साल में भेजेंगे 75 उपग्रह…

Pm Modi In UN

प्रधानमंत्री ने कहा, इस साल 15 अगस्त को हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर गए हैं। भारत अपनी आजादी के 75वें साल में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और 75 ऐसे उपग्रह अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है जो छात्रों और शोधार्थियों ने तैयार किए हैं।

UN को जरुरी सलाह देना भी नहीं भूलें पीएम मोदी…

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि, संयुक्त राष्ट्र को स्वयं की प्रासंगिक बनाए रखना है तो उसे अपनी इफेक्टिवनेस को सुधारना होगा और रिलायबिलिटी को बढ़ाना होगा। UN पर आज कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। जिससे निज़ात पाने की दिशा में इस अंतरराष्ट्रीय संगठन आगे आना चाहिए।

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