बॉलीवुड

एक्ट्रेस Asha Parekh कभी अपनी खूबसूरती से ढाती थी कहर, लेकिन इस वज़ह से आज़तक हैं कुंवारी

बॉलीवुड फ़िल्म इंडस्ट्री में कई ऐसी अभिनेत्रियां आईं और चली गईं जिनके बारे में किसी को कानों-कान खबर तक नहीं हुई। जी हां लेकिन उनमें से कुछ एक्ट्रेसेस ऐसी भी थीं, जिन्होंने न केवल सिनेमाई पर्दे पर अपने अभिनय का जादू चलाया बल्कि अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी चर्चा का विषय बनी। बता दें कि उन्हीं में से एक आशा पारेख हैं, जिन्होंने ‘खत लिख दे सांवरिया के नाम बाबू’, ‘ये मेरी जिंदगी’ जैसे गानों से लोगों को अपना दीवाना बनाया। हालांकि, वो बात अलग है कि इतनी शोहरत पाने के बाद भी आज एक्ट्रेस अकेली जिंदगी जीने को मजबूर हैं। तो आइए आज हम आपको आशा पारेख की निजी जिंदगी से जुड़े पहलू से रूबरू कराते हैं…

कहते हैं न कि हर बार जरूरी नहीं कि प्यार आपकी जिंदगी में खुशियां भरने का काम करे, कभी-कभार किसी एक के आ जाने से भी पूरी जिंदगी सूखे पत्तों की तरह बिखर जाती है और शायद इस बात को आशा पारेख बहुत अच्छे से जानती और समझती हैं, जिन्होंने एक तरफा प्यार में पड़कर खुद के लिए कभी न खत्म होने वाले वाले गम को अपना लिया।

बता दें कि हिंदी सिनेमा जगत की दिग्गज अदाकारा आशा पारेख अब 77 साल की हो चुकी हैं। लेकिन इस उम्र में भी अभी तक वो अकेली हैं और आशा ने अभी तक शादी नहीं की। जी हां अभिनेत्री ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी जिंदगी का सबसे अच्छा निर्णय था अकेले रहना। वो अपने इस फैसले से बेहद खुश हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि दरअसल मेरे पास और कोई च्वॉइस ही नहीं थी। मैं किसी का घर तोड़ने वाली औरत नहीं बनना चाहती थी।

गौरतलब हो कि एक समय ऐसी चर्चाएं थी कि उनका दिल फिल्म मेकर नासिर हुसैन पर आया था और उनके प्यार में वो कुंवारी ही रहीं। इस किस्से को उन्होंने अपनी आत्मकथा में भी शामिल किया है।

Asha Parekh

आशा पारेश को अपनी दो सहेलियों हेलन और वहीदा रहमान के साथ घूमना बहुत पसंद है। बता दें, साल 1959 से लेकर 1973 आशा पारेख बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्री रहीं हैं। वहीं अपनी बायोग्राफी ‘द हिट गर्ल’ में उन्होंने अपने प्यार का जिक्र करते हुए कहा था कि, “नासिर हुसैन इकलौते ऐसे आदमी हैं जिनसे मैंने प्यार किया था, इसलिए मैंने उन्हें अपनी बायोपिक में जगह दी है।”

आख़िर में बता दें कि आशा पारेख ने फिल्मों से खूब नाम कमाया। उन्हें ‘कटी पतंग’ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला और लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड 2002 में मिला। तो वहीं आशा पारेख 1992 में पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं, लेकिन एक मुकम्मल प्यार उन्हें आज़तक नसीब नहीं हुआ, जो बात उनके लिए आज भी दुःखदाई है।

 

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