अध्यात्म

कैरियर की दिशा तय करती है हस्तरेखाएँ, जानिए किस रेखा के होने से बन सकते राजनेता या फ़िर डॉक्टर?

अनामिका, मध्यमा से बड़ी हो तो जातक को रोजगार में होगा अधिक लाभ

आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में युवा अपने कैरियर को लेकर काफी संवेदनशील होते हैं। हर युवा की ख्वाहिश होती है कि वह अपने कैरियर को सही दिशा प्रदान कर सकें। इतना ही नहीं वर्तमान में हर मां-बाप की यह ख्वाहिश रहती है कि उनका बेटा अथवा बेटी भविष्य में नाम रोशन करें। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए कोई अपने बच्चे का भविष्य डॉक्टर के रूप में देखना चाहता तो कोई इंजीनियर तो वहीं कोई वैज्ञानिक के रूप में। बेहतर भविष्य की परिकल्पना करना सबके हाथ में है, लेकिन जरूरी तो नहीं कि जो सोचा जाएं वह भविष्य में हो भी। ऐसा इस कारण से भी क्योंकि वह बात चाहें कैरियर निर्माण की हो या कोई दूसरी। मानव जीवन में बहुत कुछ कर्म तो बहुत कुछ भाग्य पर निर्भर करता है।

मानव जीवन में एक विशेष बात यह है कि उसके बारे में बहुत कुछ बताने का कार्य हस्त रेखाएं भी करती हैं। तो आइए जानते हैं की हस्त रेखाएं किस स्तर पर और कितना किसी व्यक्ति के कैरियर को निर्धारित करने में योगदान देती हैं।

अगर किसी व्यक्ति की भाग्य रेखा, चंद्र क्षेत्र से उदित होकर शनि क्षेत्र तक जाए तो ऐसे जातक को रोजगार के क्षेत्र में स्त्री जातक की सहायता प्राप्ति के योग होते हैं। सूर्य रेखा के बीचो-बीच दीप चिन्ह हो, अनामिका और मध्यमा बराबर हो तो ऐसे जातक को सट्टे के क्षेत्र में रोजगार प्राप्ति के योग बनते हैं।

वही यदि जीवन और मस्तिष्क रेखा के आरंभ में अधिक अंतर हो तो ऐसे जातक को सट्टे, लॉटरी आदि के क्षेत्र में हानि के योग होते हैं। सूर्य रेखा से शाखा निकलकर गुरु पर्वत पर जाए और रेखा के अंत में गुरुक्षेत्र पर तारे का चिन्ह हो, तो ऐसे जातक किसी संस्था में उच्च अधिकारी के रूप में रोजगार प्राप्त करते हैं।  कनिष्ठा का दूसरा पर्व लंबा हो, बुध क्षेत्र पर कई खड़ी रेखाएं हो तो जातक चिकित्सा के क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करता। इसके अलावा हस्त रेखा का कैरियर पर होने वाला हस्तक्षेप देखें तो जिस जातक की अनामिका उंगली अधिक लंबी हो तो संभव है कि वह जातक शेयर बाजार, सट्टा, जुआ आदि के क्षेत्र से जुड़ेगा।

अनामिका मध्यमा से बड़ी हो तो जातक जो रोजगार करेगा उसमें अत्यधिक लाभ अथवा हानि प्राप्त कर सकता है। वही कनिष्ठ का तर्जनी के बराबर होने पर ऐसे जातक को राजनीति के क्षेत्र में रोजगार प्राप्ति के योग होते हैं। शनि पर्वत उन्नत हो और मध्यमा का प्रथम पर्व लंबा हो तो ऐसे जातक को गुप्त विद्याओं, राजनीति और लेखन कार्य से रोजगार प्राप्त होता है। यदि किसी व्यक्ति का मंगल क्षेत्र उन्नत हो और शुभ लक्षणों से युक्त हो तो ऐसे जातक को पुलिस, सेना अथवा फ़ौज में भर्ती होने की संभावना होती है। इसके अलावा जिस जातक का मंगल क्षेत्र उन्नत ना हो एवं अशुभ लक्षणों से युक्त हो। ऐसे जातक अनैतिक कार्यो से रोजगार प्राप्त करते है।

मस्तिष्क रेखा लंबी एवं दोष रहित हो और मस्तिष्क रेखा तथा हृदय रेखा के मध्य का भाग चौड़ा हो, तर्जनी उंगली का अग्रभाग चतुष्कोणाकार हो तो ऐसे जातक को न्याय के क्षेत्र में रोजगार प्राप्ति के योग होते हैं। मस्तिष्क रेखा पर सूर्य पर्वत के नीचे सफेद बिंदु चिन्ह हो तो ऐसे जातक को साहित्य क्षेत्र में रोजगार प्राप्ति के योग बनते हैं।

ऐसे में कहीं न कहीं हस्त रेखाएं व्यक्ति के कैरियर की दिशा निर्माण में अहम भूमिका निभाती हैं। लेकिन क्या सिर्फ़ हस्त रेखाओं के भरोसे बैठकर कर्म को दरकिनार कर देना उचित होगा। यह फ़ैसला व्यक्ति को स्वयं करना चाहिए, क्योंकि गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है कि, “मनुष्य को कर्म करना चाहिए न कि उसके फ़ल की चिंता।”

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