अध्यात्म

बहुत अशुभ होता है घर की इस दिशा में मंदिर का होना, बढ़ने लगती हैं जीवन की दिक्कतें

घर के अंदर एक छोटा सा पवित्र स्थान होता है, जिसको घर का मंदिर कहा जाता है। जहां पर परिवार के सभी सदस्य भगवान की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर घर के मंदिर में रोजाना सुबह-शाम पूजा-पाठ किया जाए तो इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। घर के मंदिर में पूजा-पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार देखा जाए तो हमारे घर का मंदिर बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। अगर वास्तु के हिसाब से घर के अंदर मंदिर रखा जाए तो इससे घर में रहने वाले लोगों के जीवन में सुख-शान्ति और समृद्धि आती है। ऐसी मान्यता है कि घर के मंदिर से एक दिव्य ऊर्जा उत्पन्न होती है। यह वही स्थान होता है जहां लोग खुद को भगवान को समर्पित कर शक्ति प्राप्त करते हैं।

आपको बता दें कि वास्तुशास्त्र में घर के मंदिर से जुड़ी हुई बहुत सी बातों का उल्लेख किया गया है। अगर वास्तु के हिसाब से घर का मंदिर रखा जाए तो इससे लाभ मिलता है परंतु वास्तु के हिसाब से घर का मंदिर नहीं है तो इसके कारण जीवन में परेशानियां आने लगती हैं। पूजा-पाठ करने के बावजूद भी जिंदगी में किसी ना किसी चीज को लेकर टेंशन बनी रहती है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से वास्तु शास्त्र के अनुसार कौन सी दिशा में घर का मंदिर होना शुभ नहीं माना जाता है, इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

इस दिशा में मंदिर होने से उत्पन्न होती हैं स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर के अंदर कभी भी आग्नेय कोण में घर का मंदिर नहीं बनाना चाहिए क्योंकि यह शुभ नहीं माना जाता है। अगर आप इस दिशा में घर का मंदिर रखते हैं तो इसकी वजह से घर के मुखिया को कभी हृदय से संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़ता है तो कभी शरीर में रक्त की कमी होने लगती है।

इस दिशा में मंदिर का होना अशांति का बनता है कारण

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर का मंदिर कभी भी वायव्य कोण में नहीं होना चाहिए। यह दिशा अशुभ मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर इस दिशा में घर का मंदिर है और घर के सदस्य पूजा पाठ कर रहे हैं तो इसका लाभ नहीं मिलता है। सदस्य धर्म का पालन नहीं करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि इस दिशा में घर का मंदिर हो तो इसकी वजह से पेट से जुड़ी हुई परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं। व्यक्ति की वाणी भी खराब हो जाती है, जिसकी वजह से घर-परिवार में अशांति का माहौल, वाद-विवाद उत्पन्न होने लगता है।

इस दिशा में मंदिर होने से चमकता है नसीब

हमारे घर का मंदिर सबसे श्रेष्ठ स्थान माना जाता है। यहीं से सकारात्मक ऊर्जा निकलती है, जिसका प्रभाव घर में रहने वाले सभी लोगों के ऊपर पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मंदिर ईशान कोण में हो तो यह अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिशा में मंदिर बना हुआ है तो इससे घर के मुखिया के छोटे भाई-बहन, बेटा या बेटी कई विषयों के विद्वान होते हैं। वास्तु शास्त्र में इस दिशा को ब्रह्म स्थल बताया गया है। इस दिशा में मंदिर होने से घर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है और घर के सभी सदस्यों के ऊपर भगवान का आशीर्वाद बना रहता है।

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