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मां की तरह सीने से लगाकर नर्स ने बचाई 3 नवजात बच्चों की जान, वायरल हुई तस्वीरें

बीते दिनों लेबनान की राजधानी बेरुत में एक दिल दहला देने वाला धमाका हुआ। इस धमाके ने पूरे शहर में तबाही का मंजर फैला दिया है। पूरा शहर ही इस धमाके की वजह से बिखरा हुआ नजर आ रहा है। यह धमाका इतना जबरदस्त था कि 10 किलोमीटर तक के इलाके में इसके कंपन को महसूस किया गया। बेरुत में हुए धमाके में अब तक 150 लोगों की मौत एवं 5000 से भी अधिक लोगों के घायल होने की खबर सामने आ रही है। यहां तक कि लेबनान में जर्मनी के राजदूत की भी इस धमाके में मौत हो गई है।

सोशल मीडिया में धमाके से जुड़ीं बहुत सी तस्वीरें वायरल हो रही हैं, लेकिन इन तस्वीरों में से कुछ तस्वीरें उस नर्स की भी हैं, जिसने तीन नवजात बच्चों को अपने सीने से लगाकर बचाया है। इन तस्वीरों के सामने आने के बाद सोशल मीडिया में लोग नर्स के जज्बे को सलाम कर रहे हैं।

इन्होंने पोस्ट की तस्वीर

फेसबुक पर एक प्रेस फोटोग्राफर बिलाल मैरी जेविश (Bilal Marie Jawich) द्वारा ये तस्वीरें शेयर की गई हैं। इस प्रेस फोटोग्राफर ने लिखा है कि मुझे प्रेस के लिए फोटोग्राफी करते 16 साल हो गए हैं। कई युद्ध भी मैंने कवर किए हैं। फिर भी अशरफिया इलाके में Al Roum अस्पताल के सामने जो मैंने देखा, पहले कभी वैसा मुझे देखने के लिए नहीं मिला था।

पत्रकार के मुताबिक उन्होंने देखा कि एक नर्स ने तीन नवजातों को अपने सीने से लगाया हुआ था। वह नर्स मदद मांगने के लिए फोन मिला रही थी। ब्लू रंग का ड्रेस इस नर्स ने पहना हुआ था। उसके आसपास मलबा फैला हुआ था। लाशें बिखरी हुई थीं। लोगों की चीख-पुकार मची हुई थी।

लोगों की प्रतिक्रिया

अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए नर्स की यह फोटो दुनियाभर में वायरल हो गई है। इस फोटो को देखकर लोग अचंभित हैं। कोई इस नर्स को हीरो बता रहा है तो कोई इस नर्स के लिए हीरोइन शब्द का इस्तेमाल कर रहा है। कई लोग तो इस नर्स को परी भी बता रहे हैं।


सबसे ज्यादा ताज्जुब लोगों को यह देखकर हो रहा है कि इतने खौफनाक माहौल में जब हर कोई दहशत से भरा हुआ है और खुद को बचाने की जुगत में है, वैसे में इतना शांत होकर यह नर्स तीन बच्चों की सुरक्षा का प्रयास कैसे कर सकती है। Hassan Sajwani ने लिखा है कि बेरूत में धमाके के बाद इस नर्स ने तीन नवजातों को उठा लिया है और फोन कर रही है। जरूरी नहीं कि हर परी के पंख ही हों।

नष्ट हुआ अस्पताल

लेबनान की राजधानी बेरूत में सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर सबसे पुराने मेडिकल इंस्टीट्यूट के रूप में जाना जाता है। इसे ही Al Roum हॉस्पिटल के नाम से भी जानते हैं। बेरूत में हुए धमाके में इस हॉस्पिटल को भी इतना अधिक नुकसान पहुंचा है कि इसे इस्तेमाल में ला पाना संभव नहीं है। अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि सभी मरीजों को हम इमरजेंसी बिल्डिंग में शिफ्ट कर रहे हैं। धमाके की वजह से अस्पताल के शीशे टूटने के कारण बड़ी संख्या में मरीज घायल हुए हैं।


द फैसिलिटी डिजास्टर मैनेजमेंट के प्रवक्ता जॉर्ज साद ने बेरूत धमाके की भयावहता को बयान किया है। उन्होंने बताया है कि बहुत बड़ी संख्या में लोग इससे प्रभावित हुए हैं। धमाके में चार नर्सों के साथ मरीजों की भी मौत हो गई है। यही नहीं, कई विजिटर्स भी इस धमाके में मारे गए हैं या घायल हो गए हैं। बेरूत में आलम यह है कि यहां अस्पतालों के पार्किंग स्लॉट में घायलों का इलाज किया जा रहा है। अस्पताल पूरी तरीके से तबाह हो चुके हैं।

यही नहीं, बेरूत के अधिकतर इलाकों में बिजली गुल है और आधा से ज्यादा बेरूत अंधेरे में है। बेरूत के पोर्ट इलाके के एक वेयरहाउस में 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट असुरक्षित रूप से रखे हुए थे। धमाका इसी के कारण हुआ। बेरूत के गवर्नर मारवन अबूद ने बताया कि इसके कारण लगभग तीन लाख लोग अस्थाई रूप से बेघर भी हो गए हैं। राहत और बचाव कार्य में लगे लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि बृहद पैमाने पर मलबा फैल गया है। इन मलबों के अंदर से अभी भी लोग बाहर निकाले जा रहे हैं।

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