बॉलीवुड

भाई-भतीजावाद पर आयुष्मान खुराना का बड़ा बयान, कहा- जानता था दूसरा मौका नहीं मिलेगा इसलिए…

जब से सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की है तब से अटकलों का बाजार थमने का नाम ही नहीं ले रहा. एक तरफ जहां लोग सुशांत केस में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, वहीं फिल्म इंडस्ट्री दो गुटों में बंट गई है. इन दिनों इंडस्ट्री में इनसाइडर और आउटसाइडर को लेकर जमकर बहस चल रही है. सुशांत की मौत के बाद लोग बहती गंगा में हाथ धोने में जुटे हैं. वहीं बीच-बीच में कुछ नामचीन सितारे ऐसे खुलासे कर दे रहे हैं, जो कि हैरान कर देने वाले हैं. इसी क्रम में आयुष्मान खुराना ने एक ऐसा बयान दे दिया है, जिस वजह से वह लाइमलाइट में आ गए हैं.

सुशांत सिंह राजपूत

सुशांत की मौत के बाद सितारे इनसाइडर-आउटसाइडर मुद्दे पर खुलकर बात कर रहे हैं, ऐसे में बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना ने भी अपनी बात सामने रखी. आज के दौर के सबसे हिट एक्टर्स की बात की जाए तो आयुष्मान का नाम लिस्ट में जरूर आएगा. बॉलीवुड से बाहरी होने के बावजूद आयुष्मान ने खुद को यहां स्थापित किया है. वह बॉलीवुड के सबसे पॉपुलर आउटसाइडर एक्टर हैं. हालांकि, अपने फिल्मी करियर को स्टार्ट करने से पहले आयुष्मान ने लगभग आधी दर्जन फिल्मों को रिजेक्ट किया था.

“पता था नहीं मिलेगा दूसरा मौका”

एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वे इस बात को अच्छी तरह जानते थे कि आउटसाइडर होने के नाते उन्हें दूसरा मौका नहीं मिलने वाला है. आयुष्मान ने नेपोटिज्म पर कहा था, “स्टार किड्स जो सक्सेसफुल हैं, वो सच में प्रतिभाशाली हैं. उन्हें उनका पहला ब्रेक मिलता लेकिन बने रहने के लिए उन्हें एक बेंचमार्क सेट करना होता है. अगर मैं अपना 50 प्रतिशत देता हूं, तो लोग कहेंगे कि यह मैंने खुद से किया है. अगर एक स्टार किड्स के पास 80 प्रतिशत क्षमता है और अगर वह 100 प्रतिशत भी देगा, तो लोग उससे संतुष्ट नहीं होंगे”.

काम मांगने में नहीं आती शर्म

आयुष्मान खुराना ने अपने करियर की शुरुआत छोटे पर्दे से की थी. वह स्टंट बेस्ड रियलिटी शो रोडीज के विनर थे. आयुष्मान को अपनी पहली फिल्म विक्की डोनर साल 2012 में मिली. फिल्म में उनकी और यामी की जबरदस्त केमिस्ट्री देखने को मिली. फिल्म में वह स्पर्म डोनेट करते हैं. इस फिल्म के लिए आयुष्मान को कमर्शियल एंटरटेनर के साथ क्रिटिकल एक्लेम भी हासिल हुआ था.

आयुष्मान कहते हैं कि उन्हें आज भी काम मांगने में शर्म नहीं आती है. एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि वे खुद फिल्ममेकर्स के पास काम मांगने गए थे, तब जाकर उन्हें अंधाधुन और आर्टिकल 15 मिली. उनके अनुसार किसी से भी काम बेझिझक होकर मांगना चाहिए.

कहा- नहीं ले जाता किरदारों को घर

एक बार अपने किरदारों के बारे में बात करते हुए एक्टर ने कहा था, “मैं एक पद्धति पर चलने वाला अभिनेता नहीं हूं. मैं बहुत आसानी से स्विच ऑन-ऑफ कर लेता हूं इसलिए मैं अपने किरदारों को कभी घर नहीं ले जाता. एक व्यक्ति के रूप में मुझे खुद को और अधिक विकसित करने के लिए आगे बढ़ने और नई चीजों का पता लगाने और नई चीजें को सीखने की जरूरत है”.

आयुष्मान ने आगे कहा, “निश्चित रूप से आर्टिकल 15 या अंधाधुन कुछ ऐसी ही फिल्में हैं. अंधाधुन के लिए मैंने पियानो बजाना सीखा, यह मेरे लिए एक डेवलपमेंट था. आर्टिकल 15 के जरिए मुझे भारत में जाति व्यवस्था के बारे में पता चला. गुलाबो सिताबो में मुझे किरदार से ज्यादा अमिताभ बच्चन सर और शूजीत सरकार के साथ सीखने को मिला”. बता दें, हाल ही में आयुष्मान खुराना और अमिताभ बच्चन की फिल्म गुलाबो सिताबो अमेज़न प्राइम पर रिलीज़ हुई है.

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