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ढाबे वाले ने अनोखे अंदाज में किया चीन का विरोध, दुकान पर लिखा- विदेशी नस्ल के कुत्ते और चीनी..

कोरोना महामारी को लेकर पूरी दुनिया चीन से नाराज है। कई लोगों ने इसे चाइनीज वायरस कहकर बुलाना भी शुरू कर दिया है। भारत में यह नाराजगी बाकी देशों की तुलना में डबल है। इसकी वजह चीनी सेना का लगातार भारतीय सेना पर हमला करना है। खासकर गलवान घाटी में चीनियों की वजह से हमारे जो 20 सैनिक शहीद हुए थे उसका गुस्सा देशवासियों में बहुत है। नतीजा ये हो रहा है कि इंडियंस ने चीनी उत्पादों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। सरकार ने भी कुछ दिनों पहले चीन की 59 एप्स को बैन कर दिए थे। वहीं आम नागरिक चीन से संबंधित कोई भी चीज इस्तेमाल करने से बच रहे हैं।

चीन के विरोध वाला पोस्टर हुआ वायरल

इस बीच मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में एक ढाबे वाले की दुकान में लगा पोस्टर सबका दिल जीत रहा है। दरअसल यहां मालवा मिल चौराहे पर एक ढाबे के बाहर पोस्टर में लिखा है ‘विदेशी नस्ल के कुत्ते और चीनी इंसानों का प्रवेश बंद है‘। इस ढाबे को चलाने वाले राजाराम का कहना है कि उन्होने अपनी दुकान पर इस स्लोगन वाला पोस्टर चीन के विरोध में लिखवाया है।

मंचूरियन नूडल्स बेचना भी किया बंद

ढाबा संचालक राजाराम चीन से इतने नाराज हैं कि उन्होने अपने ढाबे पर मंचूरियन नूडल्स बेचना भी बंद कर दिया है। पहले उनके ढाबे पर 40 फीसदी बिक्री सिर्फ मंचूरियन नूडल्स की ही होती थी, लेकिन चीन के प्रति अपना विरोध व्यक्त करने के लिए उन्होने कसम खा ली है कि अब से वे कभी अपने ढाबे पर मंचूरियन नूडल्स नहीं बेचेंगे।

सैनिकों को दे रहे मुफ्त सेवाएं

इतना ही नहीं ढाबा संचालक अपने ढाबे पर आने वाले भारतीय सैनिकों या उनसे जुड़े लोगों को मुफ्त सेवा दे रहा है। वह उन्हें भोजन कराने के बदले पैसे नहीं लेते हैं। उनके दिल में अपने देश और सेना के लिए बहुत मान सम्मान हैं। बस यही वजह है कि उन्होने यह फैसला लिया है।

लोग कर रहे तारीफ

विदेशी नस्ल के कुत्ते और चीनी इंसानों का प्रवेश बंद है‘ अनूठे स्लोगन वाला यह पोस्टर लोगों को बड़ा पसंद आ रहा है। उनका कहना है कि देश के बाकी दुकनवालों को भी इसी राह पर चलना चाहिए। बता दें कि मार्केट में अब अधिकतर लोग सामान खरीदते समय कीमत बाद में पुछते हैं पहले यह सवाल करते हैं कि ‘ये प्रॉडक्ट किस देश में बना है।’ इन दिनों चीजें खरीदने में ‘मेड इन इंडिया’ प्रोडक्टस को प्राथमिकता दी जा रही है। यदि अपने देश में बना कोई प्रॉडक्ट न मिले तो फिर ‘मेड इन चाइना’ को छोड़ किसी भी देश का बना प्रॉडक्ट खरीद लिया जाता है।

चीनी समान के बहिष्कार का असर दिखना भी शुरू हो गया है। भारत में अधिकतर माल ‘मेड इन चाइना’ ही होता है। लेकिन अब भारतियों के बहिष्कार के चलते इन चीनियों को करोड़ों रूपए का नुकसान हो रहा है। वैसे आप लोगों को यह पोस्टर कैसा लगा हमे कमेंट में जरूर बताएं। साथ ही इसे जितना हो सके शेयर करें ताकि बाकी लोग भी चीनी सामान के बहिष्कार के महत्व को समझ सकें।

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