विशेष

भूखों के लिए IPS सरोज कुमारी ने शुरू की पुलिस रसोई, लॉकडाउन में मिसाल बनीं अफसर बिटिया

कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन के दौरान पुलिस की भी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है, लेकिन खुद पुलिस कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है। इसके बावजूद पुलिसकर्मियों की ओर से कई जगहों पर भूखे-प्यासे और गरीब व बेसहारा लोगों को भोजन कराकर मिसाल पेश की गई है। गुजरात कैडर के आईपीएस सरोज कुमारी ने गुजरात में पुलिस रसोई चला रखी है, जिसकी हर ओर चर्चा हो रही है।

वडोदरा में आईपीएस सरोज कुमारी तैनात हैं। रोजाना पुलिस रसोई में वे 1200 लोगों का भोजन तैयार करती हैं। सरोज 12 घंटे ड्यूटी करने के बाद इस पुलिस रसोई में आकर रोजाना पूड़ियां बेलती हैं और उन्हें तलती भी हैं। उनके साथ लगभग 50 महिला पुलिसकर्मी भी इस काम में जुटी हैं।

आईपीएस सरोज कुमारी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद गरीबों को भूखे-प्यासे भटकता देखकर मैंने अपने साथी महिला पुलिसकर्मियों के सामने ड्यूटी के बाद इनके लिए भोजन बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसमें मदद करने के लिए उन्होंने भी हामी भर दी। इस तरह से पुलिस रसोई की शुरुआत हो गई।

राजस्थान के झुंझुनू जिले के चिड़ावा तहसील के एक छोटे से गांव बुडानिया की आईपीएस सरोज कुमारी रहने वाली हैं। सरकारी स्कूल में पढ़ाई करके आईपीएस बन कर उन्होंने मिसाल पेश की थी। आईपीएस सरोज कुमारी ने जो पुलिस रसोई शुरू करके भूखों व जरूरतमंदों को भोजन कराने का यह कदम उठाया है, उनके जिले झुंझुनू में भी इसकी जमकर सराहना की जा रही है।

सरोज कुमारी के भाई और गांव के उप प्रधान रणधीर सिंह ने बताया कि देशभर में उनकी बहन द्वारा की गई पहल की सराहना हो रही है। उन्हें अपनी बहन पर बहुत गर्व है। उनसे मिलने वाले उन्हें कहते हैं कि आपकी बहन जो काम कर रही हैं, हम उसे सलाम करते हैं।

गुजरात में लड़कियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए आईपीएस सरोज कुमारी द्वारा समझ स्पर्श नामक एक अभियान की भी शुरुआत की गई थी। इसके लिए वुमेन आइकन अवार्ड से भी आईपीएस सरोज कुमारी को सम्मानित किया गया था। इस अभियान के तहत महिलाओं और बच्चियों के प्रति यौन उत्पीड़न को लेकर वे जागरूकता फैला रही हैं।

एसपी सरोज कुमारी की छवि आरंभ में लेडी सिंघम के तौर पर बनी थी। जब वे बोटाद की एसपी थीं तो उस दौरान उन्होंने न केवल सेक्स वर्कर्स की जिंदगी को संवारने का काम किया, बल्कि जिले में जो गिरोह फिरौती वसूली कर रहे थे, उन्हें सलाखों के पीछे भी उन्होंने पहुंचा दिया।

वर्ष 2011 कैडर की सरोज कुमारी आईपीएस अधिकारी हैं। जयपुर से ग्रेजुएशन उन्होंने किया था। यहीं से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया। फिर चूरू के सरकारी कॉलेज से उन्होंने एमफिल की भी डिग्री हासिल की। वर्ष 2010 में सरोज कुमारी ने यूपीएससी की परीक्षा दी थी। सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी किरण बेदी से सरोज कुमारी प्रेरणा लेती हैं।

बेटियों के उत्थान के लिए भी सरोज कुमारी प्रयासरत हैं। गुजरात में जब ‘बेटी बचाओ’ के लिए मैराथन हुआ था तो इसमें भी आईपीएस सरोज कुमारी को हिस्सा लेते हुए देखा गया था।

दोस्तों, उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। पसंद आने पर लाइक व शेयर करना न भूलें।

पढ़ें 100 से भी कम घर वाले इस गांव में हैं 47 से ज्यादा आईएएस और आईपीएस, जानें सफलता का मंत्र

Back to top button