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मुश्किल घड़ी में ये शख्स रोजाना 500 लोगों को खिला रहा है खाना, अपने होटल को ही बना दिया “लंगर”

कोरोना जैसी महामारी की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा बहुत से कदम उठाए जा रहे हैं, लॉक डाउन की वजह से पूरे देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ती जा रही है, सभी लोग आर्थिक समस्याओं से गुजर रहे हैं, व्यावसायिक गतिविधियां लगभग ठप हो गई हैं, जिसकी वजह से लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, मुश्किल की इस घड़ी में जहां लोग आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं वहीं एक ढाबे का मालिक प्रवासी मजदूरों के लिए भगवान के रूप में सामने आया है, दरअसल, यह रोजाना प्रवासी मजदूरों को अपने ढाबे में बैठा कर मुफ्त में खाना खिलाता है, इतना ही नहीं बल्कि इन मजदूरों के लिए नाश्ता भी उपलब्ध करवाता है।

ढाबे के इस मालिक ने इस मुश्किल समय में अपनी दरियादिली दिखाई है और अपने ढाबे को लंगर बना दिया है, यूपी-बिहार सीमा पर स्थित नेशनल हाईवे के पास इस ढाबे के अंदर रोजाना 10, 20 या 30 नहीं बल्कि 500 लोग भोजन करते हैं और खाना खाने के लिए इनको कोई भी कीमत नहीं चुकानी पड़ती है, उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित मांझी के पास नेशनल हाईवे 19 पर स्थित इस ढाबे के संचालक ने लॉक डाउन के पश्चात अपने इस होटल में खाना खाने वाले लोगों के लिए कैश काउंटर को बंद कर दिया, मालिक का ऐसा कहना है कि उनको भोजन कराकर सुकून मिलता है।

ढाबे के संचालक का नाम बसंत सिंह है और इन्होंने मजदूरों की समस्या को काफी हद तक हल किया है, जैसा कि आप लोग जानते हैं लॉक डाउन की वजह से रोजाना ही बिहार और झारखंड जाने वाले मजदूर कई दिनों तक भूखे प्यासे रहते हैं, इस मुश्किल घड़ी में उनको खाने पीने की कोई भी सुविधा नहीं मिल पाती है, लेकिन बसंत सिंह ने अपने होटल को ही भंडारे के रूप में बदल दिया और इन मजदूरों को रोजाना खाना खिलाते हैं और इसके बदले में वह कोई भी पैसे नहीं लेते हैं, इनके इस नेक कार्य में ग्रामीण भी इनका पूरा सहयोग दे रहे हैं।

भले ही सरकार ने नेशनल हाईवे पर जो भी होटल आते हैं उनको खोलने का आदेश दे दिया है, परंतु इस होटल के मालिक बसंत सिंह ने अपनी मानवता दिखाई है और गरीब लोगों को रोजाना भोजन करा रहे हैं, जो भी इनके होटल के पास से मजदूर गुजरता है, भरपेट भोजन कराया जाता है, भोजन करने के पश्चात मजदूरों के चेहरे पर जो खुशी नजर आती है उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती, उन्होंने बताया कि 40 लोगों के ग्रुप को इन्होंने भोजन कराया और जाते वक्त इनको सूखा हुआ भोजन भी दिया था ताकि इनको रास्ते में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी ना आए, बसंत सिंह ने कहा कि पहले पहले तो मैंने यह कार्य अकेले ही आरंभ किया था परंतु मेरे इस कार्य मैं गांव के लोग भी अपना पूरा पूरा सहयोग दे रहे हैं, जरूरत पड़ने पर यह मेरे साथ काम करवाते हैं और आर्थिक सहायता भी करते हैं।

अगर सच मायने में देखा जाए तो जो हालात इस वक्त देश के चल रहे हैं ऐसे में होटल का यह मालिक बहुत ही अच्छा कार्य कर रहा हैं, अगर इस मुश्किल घड़ी में सभी लोग जरूरतमंद लोगों की सहायता करें तो बहुत सी समस्याओं का समाधान हो सकता है, कठिन समय में हम सभी लोगों को एकजुट रहकर एक दूसरे का सहयोग देना चाहिए।

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