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बार-बार फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार, चौथे प्रयास में UPSC की परीक्षा की पास

देव चौधरी ने अपना दृढ़ निश्चय बना लिया था कि वह अफसर अवश्य बनेंगे, परंतु इनको सही मार्ग और मंजिल का कोई भी पता नहीं था

कामयाबी की सीढ़ियां हर कोई मनुष्य चढ़ना चाहता है परंतु कामयाबी इतनी आसानी से नहीं मिलती है, जीवन में सफलता पाने के लिए कठिन मेहनत करनी बहुत ही जरूरी है, यदि आपको बार-बार निराशा हाथ लग रही है और आप निराश होकर कोशिश करना छोड़ देते हैं तो आप अपने जीवन में कामयाबी प्राप्त नहीं कर पाएंगे, परंतु आप कामयाबी पाने के लिए बार-बार कोशिश कर रहे हैं तो एक न एक दिन कामयाबी आपको अवश्य मिलेगी, वैसे देखा जाए तो भारत के ज्यादातर युवा का सपना होता है कि पढ़ाई-लिखाई करके वह सिविल सर्विस में अपना करियर बनाएं, परंतु सिविल सर्विस का सपना कुछ ही ऐसे युवा होते हैं जो पूरा कर पाते हैं, इसमें एक अच्छा स्टडी मैटेरियल इंग्लिश में होता है और इसके लिए इंग्लिश अच्छी होनी चाहिए परंतु हिंदी माध्यम के अभ्यार्थी के सामने यह किसी चुनौती से कम नहीं है। (IAS Dev Chaudhary)

आज हम आपको एक ऐसे लड़के की जानकारी देने वाले हैं जिसने अपनी कठिन मेहनत और बार-बार कोशिशों के बाद अपने लक्ष्य को प्राप्त किया है, इस लड़के ने आईएएस अफसर बनकर ही दम लिया है, हम आपको जिस लड़के के बारे में जानकारी दे रहे हैं उसका नाम देव चौधरी है, देव चौधरी (Dev Chaudhary)  ने अपना दृढ़ निश्चय बना लिया था कि वह अफसर अवश्य बनेंगे, परंतु इनको सही मार्ग और मंजिल का कोई भी पता नहीं था, इनको बहुत सी चुनौतियों और परेशानियों का सामना करना पड़ा था, परंतु इनके दृढ़ निश्चय के आगे कोई भी मुश्किल इनके हौसले को कम नहीं कर पाई।

देव चौधरी राजस्थान के जिले बाड़मेर के एक गांव के रहने वाले हैं और इन्होंने हिंदी मीडियम से पढ़ाई की है, इनको अफसर बनने में इस बात का डर लगा हुआ था कि वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगे या नहीं? देव चौधरी के पिता अध्यापक हैं, वैसे देव चौधरी को शुरुआती दौर में बहुत-सी असफलताओं का सामना करना पड़ा था परंतु इसके बावजूद भी यह बिल्कुल भी निराश नहीं हुए, इनके मन में कहीं ना कहीं एक आशा छुपी हुई थी कि यह अगली बार अवश्य सफल होंगे, जब तक इन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया, तब तक इन्होंने हार नहीं मानी, इनके मन में यही विचार रहता था कि जब अन्य लोग चयनित हो सकते हैं तो मैं क्यों नहीं?

देव चौधरी बेहतर शिक्षा के लिए गांव से शहर आ गए थे और इन्होंने आगे की स्कूली शिक्षा शहर से पूरी की थी, इन्होंने 11वीं से आगे फिर से सरकारी स्कूल और फिर बाड़मेर कॉलेज से ही B.Sc किया था, देव चौधरी का बचपन से ही सपना था कि वह सिविल सर्विस में काम करें, परंतु सिविल सर्विस की तैयारी स्नातक पूर्ण होने के पश्चात ही प्रारंभ हुई थी, देव चौधरी ने साल 2012 में पहली बार यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा दी थी, इन्होंने प्रीलिम्स पास कर लिया था परंतु मेंस में यह निकल नहीं पाए थे, इन्होंने अपनी गलतियों को सुधारा और साल 2013 में इन्होंने दोबारा से कोशिश की थी, इस बार की कोशिश में इन्होंने प्रीलिम्स मेंस दोनों ही पास कर लिए थे परंतु इनको अंतिम रूप से चयन नहीं हो पाया था, लेकिन उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी और 2014 में अंतिम चयन भी हो गया था, परंतु इनका सपना सिविल सर्विस में IAS का पूरा नहीं हो पाया था तब इन्होंने चौथी बार वर्ष 2015 में कोशिश की तब यह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाए, वर्तमान में यह गुजरात कैडर में 2016 बैच के आईएएस अफसर है।

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