बॉलीवुड

किस्सा: बचपन के इस हादसे से इरफान खान खो बैठे था अपना कॉन्फिडेंस, लोग उड़ाया करते थे मजाक

बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान का करियर शानदार रहा। कई सुपरहिट फिल्मों में उन्हें अभिनय करते हुए देखा गया। अपने जीवन में उन्होंने काफी संघर्ष भी किया। तभी जाकर वे अपने जीवन में कामयाब हो सके। एक इंटरव्यू में उन्होंने यह भी बताया था कि बचपन में एक हादसा उनके साथ हुआ था, जिसके बाद उनका सारा आत्मविश्वास ही खत्म हो गया था।

अपनी जिंदगी को बताया था बोरिंग

इस इंटरव्यू में इरफान खान ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि एक्टिंग आखिर उन्होंने क्यों चुनी। उन्होंने कहा था कि जिंदगी उनकी बड़ी ही बोरिंग रही है। वे खुद को बचपन में काफी व्यस्त रखते थे। इसके बाद भी जब वे बड़े हुए तो उनके पास ऑप्शन बहुत ही कम बचे थे। चीजों को लेकर वे बहुत बोर हो जाते थे। इसके बाद उन्हें एक्टिंग का सहारा मिला। इरफान ने कहा था कि उनके अंदर गुस्सा बहुत था। बहुत ही चिढ़ भी थी। इन सभी चीजों से खुद को बाहर निकालना वे चाह रहे थे। पूरी दुनिया को उन्हें बताना था कि वे भी कुछ हैं। इस तरह से एक्टिंग करने से चीजें उनके लिए आसान होती चली गईं।

किया इस किस्से का जिक्र

इरफान खान ने अनुपमा चोपड़ा को दिए गए एक साक्षात्कार में इस सवाल के जवाब में कि उनके जीवन का सबसे बड़ा फैल्योर क्या रहा है, इसमें उन्होंने एक किस्से का जिक्र किया था। इस दौरान उन्होंने एक दर्दनाक हादसे के बारे में बताया था, जो कि बचपन में उनके घटा था। इसे लेकर उन्होंने कहा था कि जब वे केवल 7 वर्ष के थे, तब पतंग उड़ाना उन्हें बहुत ही पसंद था। उन्होंने कहा था कि वे लोग जमींदार तो थे, लेकिन इसके बावजूद किराए के मकान में रहते थे। छत पर दीवार का प्रोटेक्शन नहीं था। एक छोटी सी रेलिंग बस हुआ करती थी।

इरफान खान ने बताया था कि शाम के समय वे छत पर थे कि तभी बिजली के तार से लटके पतंग पर उनकी नजर पड़ी। मांझे को पकड़ने की कोशिश करने लगे तो छत से नीचे गिर पड़े। इसके बाद उनकी कलाई और एल्बो टूट गए। इरफान ने बताया था कि 2 साल उन्हें इस चोट से उबरने में लग गए थे। पिता उनके हंटर थे और इसके कारण हमेशा बाहर रहते थे। ज्यादा कुछ वे कर नहीं सकते थे। हाथों की मालिश कराने के लिए जाते थे, ताकि हाथ सीधा हो जाए। तब बड़ा दर्द हुआ करता था। रात में सपने भी आते थे कि आखिर पूरी तरह से ठीक कब होंगे। फिर एक वक्त आया कि वे अपने हाथों को सीधा कर सकते थे। उन्हें मालूम नहीं था कि किस ओर यह गिरेगा।

उड़ता था मजाक

इरफान के मुताबिक के स्कूल में बच्चे उनका मजाक उड़ाते थे। वे शर्मीले तो थे ही। इससे और दबते चले गए थे। पूरा आत्मविश्वास उनका खत्म हो गया था। फिर एक्टिंग ही वह जरिया बनी, जिससे वे खुद को जमाने के सामने जाहिर कर सके।

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