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पाकिस्तान में भूख से तड़प रहे हिन्दू और ईसाई, बोले कोरोना से पहले हमें भूख मार डालेगी

पाकिस्तान की ओर से भारत पर अक्सर आरोप लगाए जाते रहे हैं कि भारत अपने यहां अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान खुद अपने गिरेबान में झांक कर नहीं देखता कि उसके देश में उसने अल्पसंख्यकों की क्या हालत कर रखी है।

इस वक्त जब पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैला हुआ है और पाकिस्तान भी इससे अछूता नहीं रह गया है तो इस देश में  अल्पसंख्यकों को भोजन तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। अल्पसंख्यकों की हालत यहां इतनी बदतर हो गई है कि सिंध प्रांत में रहने वाले अल्पसंख्यकों ने अब  अंतरराष्ट्रीय समुदाय और प्रभावशाली लोगों से अपील की है कि वे उन्हें किसी तरह से भोजन मुहैया कराएं। अल्पसंख्यकों की ओर से सरकार पर आरोप लगाए गए हैं कि सरकार उन्हें किसी तरह की कोई मदद और कोई राहत उपलब्ध नहीं करा रही है।

वीडियो में मांगी मदद

सिंध के एक न्यूज पोर्टल ‘राइज न्यूज’ पर एक वीडियो अपलोड किया गया है। इस वीडियो में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भोजन उपलब्ध कराने के लिए मदद सिंध प्रांत के विंदो कुमार और टंडो एम खान की ओर से मांगी जा रही है। वीडियो में ये बता रहे हैं कि कोरोना महामारी के फैलने के बाद वे लोग अब अपने काम पर नहीं जा पा रहे हैं। इसकी वजह से उनकी कमाई पूरी तरह से ठप पड़ गई है। उनके पास खाने के लिए भोजन तक उपलब्ध नहीं है। विंदो बता रहे हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकतर लोग यहां या तो ठेला लगाते हैं या नाई का काम करते हैं या फिर छोटे-मोटे विक्रेता के तौर पर काम करते हैं। वे बता रहे हैं कि जब से कोरोना महामारी फैली है, तब से काम पूरी तरह से बंद हो गया है। ऐसे में ये रोजाना कमाने-खाने वाले लोग बुरी तरीके से प्रभावित हुए हैं। उनकी चिंता लगातार बढ़ती जा रही है।

जारी है भेदभाव

गौरतलब है कि पाकिस्तान में अब तक 7993 कोरोना संक्रमण के मामले प्रकाश में आ चुके हैं। मरने वालों की तादाद भी 159 पहुंच गई है। एक अमेरिकी रिपोर्ट में भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे भेदभाव का खुलासा किया गया था। अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की ओर से एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी, जिसमें बताया गया था कि कोरोना संकट के दौरान पाकिस्तान में जो गैर इस्लामिक लोग हैं, उन्हें बेवजह काफी परेशान किया जा रहा है। पाकिस्तान उन्हें राहत उपलब्ध नहीं करा रहा है।

आयोग की कमिश्नर अनुरिमा भार्गव के हवाले से इस रिपोर्ट में बताया गया था कि हिंदुओं और ईसाइयों को पाकिस्तान सरकार की ओर से जरूरी खाद्य सामग्री इस वक्त उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा था कि इन दोनों समुदायों के लोग यहां भूख से लड़ रहे हैं। पाकिस्तान सरकार से उन्होंने अल्पसंख्यकों की मदद सुनिश्चित करने की अपील की थी। साथ ही कहा था कि धार्मिक विश्वास के चलते किसी को भी भूखा रखा जाना बेहद निंदनीय है।

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