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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: देश में फ्री होगी कोरोना वायरस की जांच, सरकार उठाएगी खर्च

कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया है. ये लॉकडाउन 14 अप्रैल तक चलने वाला है. फिलहाल के लिए सभी लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं. हालांकि 5 दिनों बाद लॉकडाउन खत्म भी हो जाएगा, ऐसे में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. खबरों के मुताबिक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा को देख सरकार कुछ जगहों पर लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की सोच रही है. बता दें, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब तक देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या पांच हजार के पार पहुंच गयी है, जिनमें से 167 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.

मुफ्त में होगी जांच

एक तरफ जहां इस बीमारी से बचने के लिए लोग सारी कोशिशें कर रहे हैं, वहीं कोरोना वायरस की जांच के लिए निजी लैब्स 4,500 रुपये वसूल रही है. हाल ही में इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद आदेश आये हैं कि पूरे देश में कोरोना वायरस की जांच फ्री होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि निर्दिष्ट सरकारी प्रयोगशालाओं या निजी लैब में कोविड-19 की जांच मुफ्त में की जाए. साथ ही सरकार को भी इसके लिए आदेश जारी करने को कहा है.

इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जांच के लिए पैसे लिए जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. अदालत ने कहा कि प्राइवेट लैब्स को भी कोरोना वायरस की जांच के लिए पैसे लेने की अनुमति नहीं है.

सरकार बनाये मैकेनिज्म

सुनवाई में जस्टिस भूषण ने कहा कि, “उन्हें COVID19 के लिए लोगों के परीक्षण के लिए चार्ज करने की अनुमति नहीं देते हैं. परीक्षणों के लिए सरकार से पैसे लेने का मैकेनिज्म बना सकते हैं”.

बुधवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक भूषण और एस रवींद्र भट की पीठ ने केंद्र सरकार से कहा कि उन्हें कोई ऐसा मैकेनिज्म बनाना चाहिए, जिससे निजी लैब्स के टेस्ट चार्ज को सरकार वापस कर सके.

पहले मिली थी अनुमति

बता दें, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने बीते महीने मान्यता प्राप्त निजी लैब्स को मंजूरी दे दी थी कि वह कोविड-19 जांच के लिए पैसे ले सकते हैं. इसके साथ यह भी तय किया गया था कि प्रत्येक कोविड-19 जांच की कीमत 4,500 रुपये होगी. लोग 4500 रुपये देकर इस वायरस की जांच करा सकते हैं.

कोविड-19 के जांच शुल्क में 3000 रुपये जांच और 1500 रुपये स्‍क्रीनिंग के तय किये गए थे. हालांकि सरकार ने लोगों से अपील भी कि वह बिना कारण जांच न करवाएं. क्वालिफाइड फिजिशियन से लिखवाने के बाद ही जांच की जाएगी.

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