अध्यात्म

लॉकडाउन के दौरान घर में इस सरल विधि से देवी दुर्गा होंगी प्रसन्न, पूजा का पूर्ण मिलेगा फल

चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है, 25 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है और इस समय के दौरान सभी भक्त देवी मां को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं, लोग माता रानी के नौ दिनों का उपवास कर रहे हैं और विधि विधान पूर्वक इनकी पूजा कर रहे हैं, नवरात्रि के 9 दिनों में माता की कठिन साधना की जाती है और इनकी पूजा के दौरान इनको कई प्रकार के मिष्ठान और फल का भोग लगाया जाता है, वैसे देखा जाए तो देवी मां को प्रसन्न करने का सबसे उचित समय नवरात्रि का ही है, ऐसा माना जाता है कि यदि नवरात्रि के दिनों में माता दुर्गा की विधि विधान पूर्वक पूजा की जाए और हवन कराया जाए तो इससे माता रानी प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है, इसके अलावा अगर नवरात्रि के दिनों में हवन कराया जाता है तो इससे वातावरण भी शुद्ध होता है।

साल 2020 की चैत्र नवरात्रि का माहौल इस बार बिल्कुल अलग सा नजर आ रहा है, क्योंकि देश भर में लॉक डाउन का ऐलान हो गया है और 21 दिनों के लिए लोगों का बाहर निकलना बंद कर दिया गया है, ऐसे में माता के मंदिरों में भी बिल्कुल शांति का माहौल नजर आ रहा है, कहीं भी किसी प्रकार की धूमधाम नहीं दिख रही है, लेकिन ऐसा नहीं है कि आप लॉक डाउन के दौरान माता रानी को प्रसन्न नहीं कर सकते, अगर आप अपने घर में ही कुछ सरल विधि अपनाकर औषधियों के साथ हवन करवाते हैं तो इससे माता दुर्गा आपसे प्रसन्न होंगीं, जैसा की आप लोगों में से ज्यादातर लोग जानते होंगे कि नवरात्रि के दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ और हवन कराया जाता है, यदि ऐसा किया जाए तो इससे व्यक्ति को पूर्ण फल की प्राप्ति होती है, आज हम आपको दुर्गा सप्तशती के सभी अध्यायों की अलग-अलग सामग्रियों से आहुति देने की जानकारी देने वाले हैं, अगर आप इस विधि से माता की पूजा और हवन करते हैं तो इससे माता रानी प्रसन्न होंगी।

आइए जानते हैं दुर्गा सप्तशती के अध्यायों के अनुसार किन सामग्रियों से आहुति दें

1. दुर्गा सप्तशती के पहले अध्याय के अनुसार यदि आप आहुति देना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक पूजा सुपारी, एक कमलगट्टा, दो छोटी इलायची, दो लौंग, एक घी में भीगा हुआ पान, शहद और गुग्गल की आवश्यकता होगी और आप खड़े होकर आगुति दीजिए।

2. दुर्गा सप्तशती के दूसरे अध्याय के अनुसार आहुति देने के लिए एक पूजा सुपारी, एक कमलगट्टा, दो छोटी इलायची, गुग्गल और देसी घी में भीगा हुआ एक पान, शहद से आहुति दें, परंतु आपको इस बात का ध्यान देना होगा कि गुग्गल की आहुति इसमें विशेष मानी गई है।

3. दुर्गा सप्तशती के तीसरे अध्याय के अनुसार आहुति देने के लिए आपको सबसे पहले जरूरी सामग्री के अनुसार श्लोक संख्या 38 से देना होगा।

4. दुर्गा सप्तशती के चौथे अध्याय के अनुसार आहुति देने के लिए आपको पहले अध्याय के श्लोक संख्या 1 से 11 तक मिश्री और खीर के साथ देनी होगी, आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि चौथे अध्याय की आहुति में मंत्र संख्या 24 से 27 तक इन चार मंत्रों से आहुति नहीं देनी क्योंकि यदि आप ऐसा करेंगे तो इससे आपको शारीरिक हानि का सामना करना पड़ेगा, आप मंत्र “ओंम नमः चण्डिकायै स्वाहा'” से आहुति दीजिए।

5. दुर्गा सप्तशती के पांचवें अध्याय के अनुसार आहुति देने से पहले आपको अध्याय के श्लोक संख्या 9 को बोलते हुए जरूरी सामग्री फूल, कपूर और ऋतु फल दे।

6. दुर्गा सप्तशती के छठे अध्याय के अनुसार आहुति देने से पहले आपको 23 वे श्लोक से भोजपत्र के साथ आहुति देनी होगी।

7. दुर्गा सप्तशती के सातवें अध्याय के अनुसार आहुति देने से पहले आपको दसवें श्लोक से 2 जायफल के साथ 19 वे श्लोक से सफेद चंदन के साथ और 27 वे श्लोक से इंद्र जौ के साथ आहुति देनी होगी।

8. दुर्गा सप्तशती के आठवें अध्याय के अनुसार आहुति देने से पहले आपको अध्याय के 54 वें और 62 वें श्लोक से रक्त चंदन के साथ आहुति देनी होगी।

9. दुर्गा सप्तशती के नौवें अध्याय के अनुसार आहुति देने से पहले आपको 37 वें श्लोक में एक बेल फल और श्लोक संख्या 40 में गन्ने के साथ आहुति देनी होगी, आप पांचवें श्लोक से समुद्र झाग के साथ और 31वें श्लोक के साथ कत्थे से आहुति दें।

10. दुर्गा सप्तशती के 11वें अध्याय के अनुसार आहुति देने से पहले आपको श्लोक क्रमांक 2 से 23 तक फूल और खीर से आहुति देनी होगी, श्लोक क्रमांक 19 में गिलोय के साथ आपको आहुति देनी होगी, श्लोक क्रमांक 31 में आप भोजपत्र के साथ आहुति दें, श्लोक क्रमांक 39 में आप पीली सरसों से आहुति दें, श्लोक क्रमांक 42 में आप माखन मिश्री के साथ आहुति दें, श्लोक क्रमांक 44 में आप अनार और अनार के फूल के साथ आहुति दें, श्लोक क्रमांक 49 में आप पालक के साथ आहुति दें, श्लोक क्रमांक 54 और 55 में आप फूल और चावल के साथ आहुति दें।

11. दुर्गा सप्तशती के 12वें अध्याय के अनुसार आहुति देने से पहले आपको श्लोक क्रमांक 10 से नींबू काटकर और उस पर रोली लगाकर पेठे के साथ आहुति देनी होगी, श्लोक क्रमांक 13 में काली मिर्च के साथ आहुति देनी होगी, श्लोक संख्या 16 में बाल-खा के साथ आहुति देनी होगी, श्लोक संख्या 18 में आपको कुशा के साथ आहुति देनी होगी, श्लोक संख्या 19 में जायफल और कमलगट्टा के साथ आहुति देनी होगी, श्लोक क्रमांक 20 में आपको ऋतु फल, चावल, चंदन, फूल के साथ आहुति देनी होगी, श्लोक क्रमांक 21 में आपको हलवा और पूरी के साथ आहुति देनी होगी, श्लोक क्रमांक 40 में कमल गट्टे, बादाम और माखन के साथ आहुति देनी होगी, श्लोक क्रमांक 41 में आपको फूल, इत्र, चावल के साथ आहुति देनी होगी।

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