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आतंकियों के निशाने पर अमरनाथ यात्रा, सरकार ने श्रद्धालुओं को कश्मीर घाटी छोड़ने का दिया फरमान

खबर आई है कि अमरनाथ यात्रा आतंकियों के निशाने पर है. इस नापाक मंसूबे को सफल करने में पाकिस्तानी सेना आतंकियों की मदद कर रही है. आज कश्मीर में भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स के शीर्ष अधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस की जहां बताया गया कि आतंकी लोग अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं. साथ ही प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि इस योजना में पाकिस्तान के कुछ सैनिक भी शामिल हैं. दरअसल, कुछ आतंकियों के पास से जो हथियार जब्त किये गए हैं उसमें पाक सेना की लैंड माइन और यूएस मेड गन मिले हैं. आतंकियों के पास से मिलने वाली ये चीजें इस बात की तरफ इशारा करती हैं कि आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तानी सेना साथ दे रही है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अधिकारियों की मानें तो पाकिस्तान का इरादा कश्मीर में अशांति फैलाना है.

यह खबर मिलते ही सरकार ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वह जल्द से जल्द घाटी छोड़कर चले जाएं या फिर अपने अमरनाथ यात्रा की अवधि कम कर दें. गृह विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की खुफिया सूचना मिली है. इस बीच सेना की तरफ से मिले सबूत इस खबर को पुख्ता करते हैं. चिनार कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि आतंकियों के पास से मिले लैंड माइन का निर्माण पाकिस्तान के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में हुआ है. इस दौरान उन्होंने कश्मीर की माताओं से विनती की कि वह अपने बच्चों को पत्थरबाजी से दूर रखें. उन्होंने बताया कि आतंकी घटना में शामिल होने वाले लड़कों में 83 प्रतिशत वह लड़के हैं, जो पत्थरबजी की घटना में शामिल थे.

केजेएस ढिल्लन ने कश्मीर घाटी की माताओं से अपील करते हुए कहा कि वह अपने बच्चों को सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी करने से मना करें. यदि आज उनका बच्चा मात्र 500 रुपये के लिए सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरबाजी करता है तो वह कल को आसानी से आतंकी भी बन सकता है. चिनार कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह के साथ मिलकर यह प्रेस कांफ्रेंस की. ढिल्लन ने बताया कि फ़िलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है. एलओसी पर स्थिति अभी सामान्य है. पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की सभी कोशिशों को भारतीय सेना नाकाम कर रही है. वहीं, डीजीपी दिलबाग ने बताया कि घाटी और जम्मू क्षेत्र में सक्रिय आतंकियों की संख्या कम हुई है.

सीआरपीएफ के आईजी जुल्फिकार हसन के मुताबिक, मिल रही धमकियों के बावजूद अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्वक जारी है. हालांकि, इसे बाधित करने के लिए कई कोशिशें जारी हैं लेकिन सुरक्षाबलों, तकनीक और स्थानीय लोगों की मदद से इससे सफलतापूर्वक बचाव किया जा रहा है.

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