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चाणक्य नीति: इन 2 चीजों पर पा लिया काबू तो हर काम में मिलेगी सफलता, जानिये कौन सी हैं वो बातें

आचार्य चाणक्य पाटलिपुत्र (जिसे अब पटना के नाम से जाना जाता है) के महान विद्वान थे. चाणक्य को उनके न्यायप्रिय आचरण के लिए जाना जाता था. इतने बड़े साम्राज्य के मंत्री होने के बावजूद वह एक साधारण सी कुटिया में रहते थे. उनका जीवन बहुत सादा था. चाणक्य ने अपने जीवन से मिले अनुभवों को चाणक्य नीति में जगह दिया है. चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं जिस पर यदि व्यक्ति अमल करे तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता.

कहते हैं कि जब व्यक्ति सफलता की ऊंचाइयों को चूमता है तो उसके पैर हमेशा जमीन पर ही रहने चाहिए. क्योंकि अक्सर देखा गया है कि सफल हो जाने पर व्यक्ति भूल जाता है कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उसने किन-किन कठिनाइयों का सामना किया है. यह बात किसी ने बिलकुल सच कही है कि व्यक्ति को उसका बुरा दिन कभी नहीं भूलना चाहिए. क्योंकि यदि उसे याद रहेगा कि वह किन हालातों से गुजर चुका है तभी वह जमीन से जुड़ा रहेगा और किसी दूसरे साथ गलत व्यवहार नहीं करेगा. लेकिन कुछ लोग शोहरत पाते ही उसके नशे में चूर हो जाते हैं. नाम और शोहरत मिलते ही वह खुद को दूसरों से बड़ा दिखाने की कोशिश करते हैं. लेकिन जिस इंसान में यह भावना आ जाती है वह दूसरों को सम्मान नहीं दे पाता और उन्हें खुद से आंकने लगता है. अपनी उपलब्धियों पर घमंड करना गलत नहीं है लेकिन उसकी वजह से दूसरों को नीचा दिखाना गलत है. अपनी उपलब्धियों और तरक्की के लिए हमें हमेशा भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहिए. ऐसे में चाणक्य ने कुछ बातें बताई हैं जो इंसान को हमेशा याद रखनी चाहिए. इन बातों को याद रखकर ही वह जीवन में सफल हो सकता है.

दूसरों से तुलना न करना

कुछ व्यक्ति खुद की तुलना दूसरों से करने लगता है और इस वजह से बिना वजह की इर्ष्या उसके मन में पलने लगती है. जो व्यक्ति खुद सही काम नहीं करता और बेवजह दूसरों को देखकर जलता रहता है वह जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता. याद रखिये कि आपकी प्रतिस्पर्धा केवल खुद से होनी चाहिए. खुद ही कीर्तिमान स्थापित करें और स्वयं ही इसे तोड़ने की कोशिश करें. व्यक्ति को अपना प्रतिद्वंधि स्वयं बनना चाहिए.

गुस्से पर काबू पाना

कुछ लोगों को छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता है. अधिक गुस्सा आना अच्छा नहीं होता क्योंकि जब व्यक्ति को गुस्सा आता है तब उसका दिमाग चलना बंद हो जाता है. आप कितने ही समझदार और अक्लमंद क्यों न हों, गुस्से में आप की अक्ल काम नहीं करती. गुस्सा करने से आपके रिश्तों और आपके मस्तिष्क की स्थिति को भी हानि पहुंचती है. क्रोध में व्यक्ति का दिमाग नकरात्मक दिशा में काम करने लगता है जिस वजह से कई बार वह ऐसा कर गुजरते हैं जो मानवता की नजर में केवल अपराध होता है. ऐसे लोगों को कभी सुकून नसीब नहीं होता और वह हर वक्त खोया-खोया महसूस करते हैं. इसलिए क्रोध पर नियंत्रण कर लेने वाले को बुद्धिमान कहा जाता है.

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