अध्यात्म

हर रविवार को दें सूर्य देवता को अर्घ्य, इन 6 परेशानियों से हमेशा के लिए मिल जायेगी मुक्ति

हिंदू पुराण में सूर्य देवता का बहुत महत्व है. इसकी मानें तो सूर्य और चन्द्र सभी ग्रहों में सबसे ज्यादा पूजनीय हैं. कहते हैं कि सूर्य की चमक हमेशा व्यक्ति को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है. वहीं, सूर्य से हमें केवल उर्जा नहीं बल्कि ढेरों लाभ भी मिलते हैं. कई लोगों को सुबह उठकर सूर्य को जल चढ़ाने की आदत होती है. लेकिन कई लोगों को पूजा करने का सही तरीका मालूम नहीं होता. हिंदू शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति को प्रातः उठकर स्नान करके सूर्य की पूजा करनी चाहिए. इसे व्यक्ति का सबसे पहला कर्म बताया गया है. यह हमें केवन शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक शक्ति भी प्रदान करता है. लेकिन यदि किसी कारणवश आप हर दिन सूर्य देवता को अर्घ्य नहीं दे पा रहे तो रविवार के दिन देने से विशेष फल प्राप्त होता है. जिन लोगों को छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता है या फिर जो लोग अपना गुस्सा कंट्रोल नहीं कर पाते उन्हें रोज सुबह उठकर सूर्य देवता की पूजा करनी चाहिए. जो व्यक्ति रोजाना ऐसा करेगा वह अहं, क्रोध, लालच, इच्छा, विश्वासघात और बुरे विचारों से हमेशा के लिए मुक्त हो जाएगा. उसके अंदर सकरात्मकता आ जायेगी. आज के इस पोस्ट में हम आपको सूर्य देवता की पूजा करने का सही तरीका बताएंगे और बताएंगे कि कैसे रविवार के दिन अर्घ्य देने से बड़ा लाभ प्राप्त हो सकता है.

सूर्य देवता को अर्घ्य देने के नियम

सूर्य देवता को हमेशा तांबे के बर्तन से अर्घ्य देना चाहिए. स्टील, लोहा, चांदी, शीशा या प्लास्टिक के पात्रों से अर्घ्य देने से पूजा व्यर्थ जाती है और इसका परिणाम नहीं मिलता. तांबा सूर्य देवता के लिए सबसे प्रभावी धातु है.

सूर्य देवता को अर्घ्य देने की विधि

हर रोज स्नान करने के बाद साफ़ कपड़े पहनें और तांबे के लोटे में पानी भरकर और उसमें फूल रखकर सूर्य देवता को जल अर्पित करें. फूल में आप किसी भी लाल पुष्प का इस्तेमाल कर सकते हैं. कुछ लोग लोटे में गुड़ और चावल मिलाकर सूर्य को जल अर्पित करते हैं. ऐसा बिलकुल ना करें, ऐसा करने से पूजा का फल प्राप्त नहीं होता. अर्घ्य देने के लिए रोली या लाल चंदन, लाल पुष्प, चावल और मिश्री का इस्तेमाल करना चाहिए. दोनों हाथ से जल अर्पित करें और ध्यान रहे कि उसमें सूर्य के किरणों की धार जरूर दिखाई देनी चाहिए. सूर्य को जल देते समय दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए. हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही जल दें. इस दौरान आप इन मंत्रों में से किसी एक का जाप कर सकते हैं.

ॐ सूर्याय नमः

सूर्याय नमः ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः

सूर्य देवता को अर्घ्य देने के बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार किसी ब्राह्मण या गरीब को तांबे के बर्तन, लाल कपड़े, गेहूं, गुड़, कमल फूल और लाल चंदन रविवार के दिन दान करें.

इन समस्याओं से मिलेगी मुक्ति

रविवार के दिन बताये गए नियम से सूर्य देवता को अर्घ्य देने वाले लोगों को सिरदर्द, पित्त रोग, आत्मिक निर्बलता, नेत्र दोष, जोड़ों के दर्द और शरीर में अकड़न आदि समस्याओं से मुक्ति मिलती है.

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