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गांव में शादी के बीच बंद हुआ हैंडपंप, खत्म हुआ पानी और फिर महिलाओं ने बचाया दूल्हे का सम्मान

यूं तो गुजरात में पानी की किल्लत दूर करने के लिए करीब 50 हजार करोड़ की लागत से नर्मदा योजना बनाई गई है, लेकिन मंगलवार को प्रदेश में पानी की किल्लत देखने को मिली। मंगलवार को एक शख्स के यहां हजारों मेहमान आने वाले थे, क्योंकि उनके यहां शादी की दावत थी, लेकिन इसी बीच पूरे गांव का हैंडपंप बिगड़ गया, जिसकी वजह से पानी के लिए मेजबान पक्ष काफी परेशान हो गया। इतना ही नहीं, सुबह से लाइट न होने की वजह से बोरबेल से भी पानी नहीं मिल सका, लेकिन फिर पूरे गांव ने साथ आकर मामले का हल निकाला। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

शादी का दिन परिवार में खुशियां लेकर आता है, लेकिन इसी आपकी नाक कटने वाली स्थिति बन जाए, तो बहुत ही बुरा लगता है। ठीक ऐसा ही कुछ मध्य गुजरात के वड़ोदरा जिले के संखेडा तहसील में कृष्णपूरा गांव एक परिवार को जूझना पड़ा। दरअसल, इस गांव में अचानक से सभी हैंडपंप खराब हो गए, जिसकी वजह से 500 लोगों को भी पानी पीने के लाले पड़ गए थे, लेकिन इसी बीच एक परिवार के घर शादी का प्रसंग आन पड़ा और मामला गड़बड़ हो गया।

दूल्हे के घर नहीं था पानी

पूरे गांव में पानी की किल्लत की वजह से दूल्हे के घर पर्याप्त पानी नहीं था, जिससे वह अपने मेहमानों का स्वागत कर सके। दरअसल, दूल्हे के घर 1000 मेहमान आने वाले थे, ऐसे में खाना बनाने के लिए पानी की ज़रूरत थी। पानी एकत्रित करने के लिए दूल्हा पक्ष पूरी तरह से परेशान  हो गया था, जिसके बाद गांव के सभी लोगों से वे मदद मांगने गए, जिसके बाद वहां की महिलाओं ने इसके लिए एक अहम कदम उठाया और दूल्हे का सम्मान बचा लिया।

गांव की महिलाओं ने दिखाई समझदारी

दूल्हे के घर पानी न होने की परेशानी को अपनी परेशानी बनाते हुए महिलाओं ने अपने घर से एक या दो घड़े पानी दूल्हे के घर देने की बात पक्की की। इसके बाद सभी महिलाएं दूल्हे के घर पानी देने गई, जिसके बाद वहां इतना पानी हो गया कि खाना बन सका और मेहमानों का स्वागत हो सका। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के बाद दूल्हे के परिवार ने गांव की सभी महिलाओं का धन्यवाद किया और फिर प्रसंग अच्छे से बीत गया, लेकिन कई सारे सवाल खड़ा कर गया।

इस प्रकरण से गुजरात सरकार की खुली पोल

पानी की किल्लत का यह कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसकी वजह से गुजरात सरकार की पोल खुल गई। दरअसल, गुजरात सरकार ने दावा किया था कि 31 जुलाई तक पीने के पानी की कोई समस्या नहीं है, लेकिन हालात तो कुछ और ही बयां कर रहे हैं, जिसकी वजह से पोल खुलती हुई नजर आ रही है। खैर, उम्मीद की जा रही है कि सरकार लोगों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मुहैया कराए।

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