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खोदाई के दौरान मिली 4000 साल पुरानी प्राचीन चीजें, जो हो सकती हैं महाभारत काल से जुड़ी

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा बागपत के सिनौली में खोदाई की गई है और खोदाई के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम के हाथ कई सारी ऐसी चीजें लगी हैं, जो कि महाभारत काल से जुड़ी हुई हो सकती हैं। इन चीजों के आधार पर आने वाले समय में ये पता लग सकता है कि आखिर महाभारत काल के दौरान लोग कैसे रहा करते थे और वो किस तरह के कपड़े पहना करते थे।

क्या क्या मिला है खोदाई में

उत्तर प्रेदश राज्य के सिनौली में की गई इस खोदाई के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को शाही शव पेटिकाएं, रथ, कंकाल और आभूषण जैसी चीजें हाथ लगी हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार खोदाई में उन्हें एक चैंबर और शव पेटिकाएं मिली हैं। लड़की की शव पेटिकाएं के अंदर इनको कंगल मिले हैं जो कि दो महिलाओं के हैं। इन महिलाओं के कंगलों को देखकर अनुमान लगाया गया है कि इनकी  आयु 30 से 40 साल के बीच की होगी। एक महिला के कंगाल से बाजूबंद और सोने का एक टुकड़ा मिला है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की और से कहा जा रहा है कि जिस तरह से इन महिलाओं के कंगाल मिले हैं, उनको देखकर लग रहा है कि इन महिलाओं के मरने के बाद इनका अच्छे से श्रृंगार और पूजा की गई होगी।

शव पेटिका से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को शीशा, एक कंघी और एक बॉक्स भी मिला है, जो कि श्रृंगारदान लग रहा है। इस श्रृंगारदान के ऊपर बेहद ही सुंदर तरह से चित्रकारी की गई है। वहीं शीशा एक तांबे के फ्रेम में है और कंघा को सींग से बनाया गया है।

ऐसा चैंबर आज तक नहीं मिला

इस खोदाई के कार्य को देख रहे  डॉ. संजय मंजुल ने जानकारी दी और बताया की इस बार की खोदाई के दौरान जो चीजें हाथ लगीं हैं, वैसी चीजें अभी तक की किसी भी खोदाई में नहीं मिली है। इस बार की खोदाई के दौरान तांबे को गलाने वाली चार भट्टियां मिली हैं और ये भट्टियां खोदाई वाली जगह से 200 मीटर दूरी पर स्थित हैं। इन भट्टियों के पास तांबे को गलाने के कुछ अवशेष भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम के हाथ लगे हैं। साथ में चैंबर भी खोदाई के दौरान मिला है।

हालांकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण खोदाई के दौरान मिली चीजों को महाभारत काल से जुड़ा हुआ बताने से बच रहा है। लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का ये कहना है कि ये सभी चीजें हड़प्पा सभ्यता की नहीं है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ये मानकर चल रहा है कि ये हड़प्पा के समानांतर या इससे पहले की संस्कृति हो सकती है।

तीसरी बार की गई है इस जगह खोदाई

सिनौली जगह पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की और से तीन बार खोदाई की जा चुकी है। सबसे पहले इस जगह पर साल 2005 में खोदाई की गई। इसके बाद साल 2018 और अब साल 2019 में एक बार फिर से इस जगह खोदाई की गई है। पिछले साल इसी स्थान पर खोदाई में आठ शाही शव पेटिकाएं, तीन रथ, युद्ध का सामान मिला था। जिसके बाद से ये कहा जा रहा था कि ये सभी चीजें महाभारत के समय की हैं। दरअसल महाभारत ग्रंथ में उत्तर भारत के कई राज्यों का जिक्र मिलता है, इसलिए खोदाई में मिली इन चीजों को महाभारत के समय से जोड़कर देखा जा रहा है।

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