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जानिए आखिर कौन थे घटोत्कच, जिन्होंने महाभारत युद्ध में कौरवों की कर दी थी बुरी हालत

महाभारत युद्ध से कई सारी कहानियां जुड़ी हुई हैं और इन्हीं कहानियों में से एक कहानी घटोत्कच की है। महाभारत का युद्ध पांडवों को जीतने के पीछे घटोत्कच का बहुत बड़ा योगदान रहा है। घटोत्कच की वजह से ही इस युद्ध में अर्जुन, कर्ण को हरा पाने में कामयाब हो सके थे। घटोत्कच ने बेहद ही बहादुरी के साथ महाभारत युद्ध के दौरान कौरवों की सेना का सामना किया था।

आखिर कौन था घटोत्कच

महाभारत का युद्ध

महाभारत युद्ध के अनुसार घटोत्कच भीम के बेटे थे। जिस वक्त पांडवों को कौरवों ने अज्ञातवास के लिए भेजा था, उस समय भीम ने हिडिम्बा नाम की एक राक्षसी की रक्षा उसके भाई से की थी और हिडिम्बा के भाई का वध किया था। हिडिम्बा के भाई को मारने के बाद भीम ने हिडिम्बा से शादी कर ली थी और इस शादी से इन्हें एक बेटा हुआ था। जिसका नाम इन्होंने घटोत्कच रखा था। हालांकि भीम हिडिम्बा और घटोत्कच के साथ नहीं रहते थे और हिडिम्बा ने अकेले ही घटोत्कच की परवरिश की थी। घटोत्कच भी अपनी मां की तरह ही एक राक्षस थे। महाभारत के अनुसार घटोत्कच बहुत ही शक्तिशाली थे और भीम की तरह बलवान भी हुआ करते थे।

महाभारत में घटोत्कच के युद्ध की कहानी

महाभारत का युद्ध

महाभारत युद्ध के दौरान पांडवों की मदद करने के लिए घटोत्कच भी युद्ध के मैदान पर उतरे थे। महाभारत के युद्ध के 14वें दिन घटोत्कच ने कौरवों की सेना का सामना किया और घटोत्कच ने कौरवों की सेना की बुरी हालत कर दी थी। घटोत्कच की शक्ति के सामने कौरवों की सेना टिक नहीं पा रही थी और घटोत्कच बेहद ही आसानी से सबको मार दे रहे थे। घटोत्कच के आंतक से बचने के लिए दुर्योधन ने कर्ण से अमोघ शक्ति का प्रयोग करने को कहा। लेकिन कर्ण इस शक्ति का प्रयोग घटोत्कच पर नहीं करना चाहते थे।

घटोत्कच और कर्ण का युद्ध

महाभारत का युद्ध

दरअसर जब कर्ण ने इंद्र को अपना दिव्य कवच और कुण्डल दान में दिया था, तो उस समय कर्ण से खुश होकर इंद्र ने उन्हें एक अमोघ शक्ति प्रदान की थी। इस अमोघ शक्ति प्रदान की मदद से कर्ण आसानी से अर्जुन का वध कर सकते थे। कर्ण इस शक्ति को अर्जुन के साथ होने वाले युद्ध के लिए बचाकर रखना चाहते थे। लेकिन घटोत्कच को रोकने के लिए मजबूर होकर कर्ण को अपनी इस शक्ति का प्रयोग घटोत्कच पर करना पड़ा। इस शक्ति का प्रयोग करते ही घटोत्कच मरने लगा और खुद को मरता देख घटोत्कच ने तुंरत अपने शरीर का आकार और बड़ा कर लिया और वो कौरवों की सेना पर जा गिरा। ऐसा करने से कौरवों की सेना के कई सारे सैनिक मारे गए। वहीं घटोत्कच जैसे बलवान राक्षस का भी वध हो गया।

घटोत्कच ने महाभारत युद्ध मे निभाई अहम भूमिका

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घटोत्कच की वजह से ही कर्ण के पास मौजूद शक्ति खत्म हो गई और जब अर्जुन से कर्ण का युद्ध हुए तो अर्जुन ने कर्ण को हरा दिया। इस तरह से महाभारत के युद्ध में घटोत्कच ने अहम भूमिका निभाई और अपने पिता और पांडवों को युद्ध जीतने में मदद की।

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