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तीन साल के बच्चे ने खुद को बताया था पायलट, 30 साल बाद उसी टीचर को फ्लाइट में मिला अपना छात्र

मंजिल उन्ही को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौंसलों से उड़ान होती है……इन बातों को एक अध्यापिका ने अपने छात्र मे सच होते देखा है। एयर इंडिया की फ्लाइट में सुधा सत्यन नाम की एक महिला दिल्ली से शिकागो जा रही थीं। वो पेशे से अध्यापिका हैं। हर बार की तरह ये सफर भी उनके लिए सामान्य था, लेकिन सिर्फ तब तक जब तक उस प्लेन के कैप्टन का नाम उनके सामने नहीं आया था। फ्लाइट टेक ऑफ के लिए रेडी थी तभी कैप्टन का नाम बोला गया औऱ शिक्षिका चौंक गईं। कैप्टन कोई और नहीं बल्कि उनके पढ़ाए हुए शिष्यों में से एक था।

कैप्टन का नाम सुनकर चौंक गई शिक्षिका

सुधा को वो समय याद आया जब वो एक युवा प्लेस्कूल की अध्यापिका हुआ करती थी। उनकी कक्षा में एक तीन साल का लड़का था। उससे बात करते हुए उन्होंने पूछा था कि बेटा तुम्हारा नाम क्या है औऱ जवाब मिला था कैप्टन रोहन भसीन….वो तीन साल का लड़का आज सच में फ्लाइट के कॉकपिट में सवार था। जब सुधा ने ये ही नाम फ्लाइट में सुना तो उन्हें उसी बच्चे की याद आ गई और उन्होंने एयरहोस्टेस से पायलट से मिलाने का अनुरोध किया।

एयरहोस्टेस ने पायलटो को इस बारे में सूचना दी तो कैप्टन शिक्षिका से मिलने आए। सुधा ने जैसे ही कैप्टन को देखा तो उसे गले लगा लिया और रोने लगीं। कैप्टन रोहन की मां ने दोनों की तस्वीर तुरंत कैद कर ली। उन्होंने सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें शेयर की। एक रोहन की बचपन की और एक उसके कैप्टन के तौर पर की।

बचपन में खुद को बताया था पायलट

रोहन की मां निवेदिता भसीन ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- प्लेस्कूल में दाखिले के दौरान अध्यापिका ने मेरे बेटे से नाम पूछा था। उसने जवाब में कहा था कैप्टन रोहन भसीन और उस समय उसकी उम्र केवल तीन साल थी। आज सालों बाद इत्तेफाक से वो ही अध्यापिका शिकागो जा रही थीं और उनका बेटा कैप्टन बन गया है।

रोहन के अंदर ये जज्बा बचपन से इसलिए था क्योंकि उनके परिवार में सभी आसमान छूने वाले हैं। उनके दादा कैप्टन जय देव भसीन देश के उन सात पायलटों में से एक थे जो 1954 में कमांडर बने थे। रोहन के माता पिता भी इंडियन एयरलाइंस से जुड़े हुए हैं और एयर इंडियाका एआई बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ाते हैं।

टीचर के लिए था भावुक पल

कैप्टन बने रहोन ने अपनी पायलट की ट्रेनिंग कक्षा 12 से ही शुरु कर दी थी और अपना इन एयर एक्सपीरियंस को-पायलट के तौर पर 2007 में शुरु किया था। इसके बाद उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड से ही शादी कर ली। वहीं उनकी टीचर सत्यन मुंबई में एक प्लेस्कूल चलाती हैं। उनके पति एयर इंडिया में इंजीनियर हैं। वो भसीन के परिवार से मुंबई में रहने को दौरान संपर्क में रहते थे।

अपने उस छोटे से छात्र को अपने सपने को सच करता देख सुधा बिल्कुल भावुक हो गईं। उन्हें भी अंदाजा नहीं रहा होगा कि 3 साल के एक मासूम बच्चे ने जो अपना परिचय दिया था वो उसे वाकई सच कर दिखाएगा। ये उनके लिए काफी मार्मिक था औऱ साथ ही हर किसी के लिए प्रेरणादायी भी।

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