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लक्ष्मी ने दीपिका को बताई अपनी आपबीती, कहा- “तेजाब से मेरी चमड़ी प्लास्टिक की तरह पिघल रही थी..

एसिड अटैक का दर्द वही व्यक्ति जानता है जो इस खौफनाक हादसे से गुजर चुका होता है. ऐसे ही एक खौफनाक मंजर को बयां करने वाली है दीपिका पादुकोण की आने वाली मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘छपाक’. इन दिनों दीपिका पादुकोण अपनी अपकमिंग फिल्म ‘छपाक’ को लेकर बिजी हैं. ये फिल्म एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की बायोपिक है. कहा जा रहा है कि ये फिल्म दीपिका की अब तक की सबसे बेहतरीन फिल्म होगी. इसी बीच कल फिल्म का एक पोस्टर आउट हुआ है जिसमें दीपिका का फर्स्ट लुक भी सामने आया है. दीपिका के इस लुक को देखकर फैंस भी यही कह रहे हैं कि ये फिल्म दीपिका के करियर की सबसे बेस्ट फिल्म साबित होने वाली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म में दीपिका के किरदार का नाम मालती है. मेघना गुलजार के निर्देशन में बन रही इस फिल्म का सबको बेसब्री से इंतजार है. फिल्म में एक्टर विक्रांत मैसी भी मुख्य भूमिका में हैं. 10 जनवरी 2020 तक इस फिल्म के आने की संभावना है.

जब लक्ष्मी की कहानी सुनकर इमोशनल हुई दीपिका

जैसा कि हम सभी जानते हैं दीपिका की फिल्म ‘छपाक’ में लक्ष्मी अग्रवाल की कहानी दिखाई जाएगी. फिल्म में दिखाया जाएगा कि कैसे एक अटैक की वजह से एक साधारण सी लड़की की जिंदगी बदल गयी. कैसे वह अपनी हिम्मत और हौसलों की बदौलत आम से ख़ास बन गयी. फिल्म की स्क्रिप्ट मिलने पर दीपिका ने लक्ष्मी से मुलाक़ात की थी. वह जानना चाहती थीं कि उस भयानक हादसे वाले दिन लक्ष्मी के साथ क्या हुआ था. लेकिन लक्ष्मी की कहानी सुनने के दौरान दीपिका इमोशनल हो गयीं. वाकई उस दिन जो लक्ष्मी के साथ था वह काफी डरवाना था. क्या है लक्ष्मी अग्रवाल की कहानी, आईये जानते हैं.

15 साल की उम्र में हुआ हमला

बात 2005 की है. मात्र 15 साल की छोटी उम्र में लक्ष्मी पर ये एसिड हमला हुआ था. उस समय लक्ष्मी 7वीं क्लास में पढ़ती थीं और वह दिल्ली के खान मार्किट में एक किताब की दुकान पर पार्ट टाइम जॉब करती थीं. लक्ष्मी का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने अपने से दोगुने उम्र के व्यक्ति के प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. इस बात से वह इतना नाराज हुआ कि उसने बदला लेने के लिए लक्ष्मी के ऊपर एसिड अटैक करवाया. एसिड की वजह से लक्ष्मी का चेहरा बुरी तरह झुलस गया था. उसे वहां मौजूद कुछ लोग फ़ौरन राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले आये. लक्ष्मी ने बताया कि इस दिल दहला देने वाले अपराध को अंजाम देने में एक लड़की ने उनकी मदद की थी.

तेज़ाब गिरते ही पिघलने लगी थी चमड़ी

लक्ष्मी ने कहा, ‘तेज़ाब गिरते ही मेरी चमड़ी किसी पलास्टिक की तरह पिघल रही थी. उस समय ऐसा लग रहा था मानो सिर पर किसी नी पत्थर रख दिए हों. हॉस्पिटल में जब मैंने अपने पिता को गले लगाया था उनकी शर्ट कई जगह से जल गयी”. लक्ष्मी ने आगे बताया, “डॉक्टर्स होश में मेरी आंखें सिल रहे थे. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि एकाएक मेरे साथ क्या हो गया है. हॉस्पिटल में मेरी कई सर्जरी हुई. जब मैं घर लौटी तो घर से सारे शीशे हटा दिए गए थे ताकि मैं अपना चेहरा न देख पाऊं. एक दिन जब मैंने चुपके से अपना चेहरा देखा तो मुझे आत्महत्या करने की इच्छा हुई. लेकिन मेरे परिवार ने मुझे बहुत हौसला दिया और तब जाकर मुझमें जीने की चाह जागी”.

सेलेब्रिटी बन गयी हैं लक्ष्मी

एक इंटरव्यू के दौरान लक्ष्मी ने कहा, “मैं उन लोगों का तहे दिल से शुक्रिया करना चाहती हूं जिन्होंने उस समय मेरा साथ नहीं दिया. उस व्यक्ति ने मेरे चेहरे पर तेजाब डाला है लेकिन मेरे हौसलों पर नहीं. मेरा चेहरा भले ही झुलस गया है लेकिन मेरे हौसले और बुलंद हो गए हैं”. बता दें, आज लक्ष्मी एक सेलेब्रिटी बन गयी हैं. वह कई बार रेम्प वॉक भी कर चुकी हैं. उन्हें 2014 में मिशैल ओबामा के हाथों इंटरनेशनल वुमन अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.

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