दिलचस्प

गलती करने से हमेशा बचें क्योंकि लोग आपकी सारी अच्छाई एक भूल करने पर फौरन भूल जाते हैं

हम इंसान हैं और हमसे भी अक्सर गलतियां हो जाती हैं। आप कितने भी अच्छे क्यों ना हो, लेकिन आपकी एक गलती आपकी सारी अच्छाई ढक देती है। भूलकर ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे आपको आपकी सारी अच्छाई एक ही बार में खत्म हो जाए। लोग बूरी बातों को ज्यादा याद रखते हैं और अच्छी बातों को जल्दी भूल जाते हैं। इन बातों से आपको बचना चाहिए। इस बात को हम कहानी के रुप में आपको समझाते हैं।

नाचने वाली ने पढ़ा ये दोहा

बहुत पहले एक राजा रहता था।। वो काफी बूढ़ा हो गया था। उसके पत्नी औऱ दो बच्चे थे। एक बार दरबार में किसी खुशी का मौका था। इस उत्सव के मौके पर एक नाचने वाली को बुलाया गया । इस उत्सव में राजा का पूरा परिवार और गुरु औऱ प्रजा के काफी लोग शामिल थे। सारी रात गाना चलता रहा और युविका नाचती रही। राजा और उनकी प्रजा नृत्य देखकर सारी रात खुश होते रहे। सुबह तक कार्यक्रम चलता रहा।

जब सुबह होने लगी तो तबला बजाने वाले नींद की अवस्था में आने लगा। कहीं राजा तबले वाले पर भड़क ना जाए नाचने वाली ने एक दोहा पढ़ा-

बहु बीती, थोड़ी रही, पल पल गई बिहाई

एक पलक के कारने ना कलंक लग जाई

इस दोहे के सुनते ही तबला फिर से बज उठा। हर किसी ने वहां उस दोहे का अलग अलग मतलब निकाला। सबसे पहले राजा के गुरु उठ खड़े हुए औऱ उन्होंने तबला बंद करवाया औऱ नाचने वाली के पास पहुंचे और उसके पैर छू लिए। गुरु ने कहा- हे नर्तकी, तू मेरी गुरु है। मैं सारी उम्र भगवान की भक्ति करता रहा औऱ बुढापे की उम्र में भगवान को छोड़ नाच गाना देखने आ गया, तूने मेरी आखें खोल दीं।

राजा की बेटी ने अपना नवलखा हार नाचने वाली को दे दिया। लड़की ने कहा- मैं एक साधारण लड़के से प्रेम करती हूं और उसके साथ भागने वाली थी, लेकिन तुमने इस दोंहे से मुझे बता दिया की जाते जाते मुझे अपने पिता को कलंकित नहीं करना चाहिए। लड़के ने अपना मुकूट नाचने वाली की सिर में दिया औऱ कहा- मेरे मन में इस राज पाठ का लालच आ गया था और मैं अपने पिता की हत्या कर देना चाहता था।

ऐसे मिली पूरे राज्य को सीख

राजकुमार ने आगे कहा कि तुमने मुझे सिखाया कि कुछ समय की बात है फिर ये सारा राज पाठ मेरा ही होने वाला है , पिता की हत्या करने जैसा जघन्य अपराध मुझे नहीं करना चाहिए। राजा ने ये सारी बात सुनी तो अपना राजमुकूट नाचने वाली को दिया औऱ कहा कि तुमने इस राज्य में एक साथ इतने लोगों को इतनी बड़ी सिख दी है असली राज्य करना तो तुम्हें आता है। मैं आज ही अपने बेटे का राज्य अभिषेक करता हूं औऱ बेटी वो जो भी साधारण लड़का है अगर वो मेहनत से कमाता है तो में उससे तुम्हारा विवाह करा देता हूं।

इतना सम्मान मिलने के बाद नाचने वाली ने कहा –मेरे एक दोहे से इतने लोग सुधर गए। आज से मैं अपना ये काम बंद करती हूं, आज से मैं भगवान का ही नाम लूंगी। इस कहानी से सबको सिख मिली की जब किसी प्रयास में लगे रहे तो कुछ समय के लिए मन भटके भी तो भी कोई गलत काम ना करें जिससे आपकी सारी मेहनत खराब हो जाए।

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