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पाक को उसके जिगरी दोस्त चीन ने दिया बड़ा झटका, जैश-ए-मोहम्मद की सच्चाई सुनकर किया ये फैसला

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है, लेकिन स्थिति हाथ से बाहर नहीं गई है। हर किसी की ये कामना है कि युद्ध जैसी परिस्थिति का सामना किसी भी देश को ना करना पड़े। हाल ही में सिलसिले में भारत की विदेश मंत्री सुषमी स्वराज ने चीन और रुस से आतंकवाद पर और पाकिस्तान की हरकतों पर बात की है। सबसे बड़ी बात ये है कि चीन हमेशा से ही पाकिस्तान का समर्थन करता आया है, लेकिन आतंकवाद को लेकर उसका रुख भी कड़ा है और इसी वजह से पाकिस्तान औऱ आतंकवाद के खिलाफ भारत को चीन और रुस दोनों का साथ मिला है। सुषमा स्वराज ने जैश ए मोहम्मद की सच्चाई दोनों देशों के सामने रखी।

पाक को मिला चीन से झटका

16वीं रुस, चीन, भारत ( RIC) बैठक में पुलवामा हमले का जिक्र किया और पाकिस्तान को आंतकवाद के मुद्दे पर घेर लिया। अंतरराष्ट्रीय मंच पर सुषमा ने कहा कि पुलवामा हमले के पीछे आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का हाथ रहा है और अब आतंक को बर्दाश्त करने का वक्त नहीं रह गया है। सुषमा स्वराज ने अपने चेनी समकक्ष वांग यी से भी मुलाकात की। इस बैठक के बाद से चीनी विदेश मंत्री ने अपना समर्थन देने वाले पाक को भी झटका दे दिया है।

चीन ने कहा कि हम आतंकवाद और कट्टरपंथी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसे खत्म करने में हम सहयोग देंगे। साथ ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रुस और चीन विदेश मंत्रियों की बैठक में सुषमा स्वराज ने बताया कि आखिर क्यों भारत तो पाक में घुसकर आतंकी ठिकानों को खत्म करने की कार्रवाई करनी पड़ी।

चीन और रुस से सुषमा स्वाराज ने की बात

सुषमा चीन और रुस से कहा कि पुलवामा हले में जैश का हाथ था और उसका संचालन पाक से हो रहा था। उन्होंने कहा कि पाक हमेशा से आतंकी सगठनों को पनाह देने की बात से इनकार करता आया है जबकि हमें पक्की गुप्त सुचना मिली है कि जैश भारत में और हमले करने की फिराक में है। इस वजह से कार्रवाई को बहुत ध्यान में रखा गया जिससे की आम लोगों को इससे कोई नुकसान ना पहुंचें। इस कार्रवाई में किसी आम जन पर कोई हमला नहीं किया गया। हमारा मकसद सिर्फ जैश के ठिकानों को नष्ट करना था।

पाक जो अभी तक इसस उम्मीद में बैठा था की चीन उसकी मदद जरुर करेगा उसे अपने दोस्त से ही तगड़ा झटका मिला है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि वो आतंकवाद के खिलाफ भारत की हर तरह से मदद करने की कोशिश करेगा। चीन ने अपनी बात सपष्ट करते हुए कहा कि अगर चीन के हित साधने की नौबत आई तो वो अपने रुख में बदलाव भी कर सकता है। राजनायिक ने कहा कि चीन पाक को अपना मित्र कह सकता है कि भारत के साथ संघर्ष में वो बीजिंग से किसी की मदद ना लें। वो सिर्फ आर्थिक मोर्चे तक उसकी मदद कर सकता है।

भारत ने इस बात का भरोसा दिलाया है कि वो खुद पाक के साथ और तनाव को बढ़ावा नहीं देना चाहता है। सुषमा ने रुस-भारत-चीन समहू के साथ 16वीं बैठक की उन्होंने कहा कि बालकोट कार्रवाई सैन्य अभियान नहीं थीं और न ही हमने किसी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना बनाया।

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