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आतंकी कैंप ध्वस्त करने के लिए 12 मिराज का चक्रब्यूह क्यों तैयार किया गया था, एक्सपर्ट ने किया खुलासा

26 फरवरी की सुबह अपने साथ भारत के लिए खुशियां लेकर आई। पुलवामा में शहीद हुए 40 सीरआपीएफ जवानों के परिवार के साथ देश ने 11 दिन तक दुख मनाया औऱ फिर 12वें दिन एयरफोर्स ने पाकिस्तानी सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की। गौरतलब है की भारत के मिराज 2000 फाइटर जेट ने पाकिस्तान क आंतकी ठिकानों पर 1000 किलो की बमबारी की, लेकिन चाहकर भी पाकिस्तान भारतीय जेटों पर हमला नहीं कर सका।भारतीय वायुसेना ने बड़ी ही प्लानिंग और जोश के साथ इस मिशन को सफल बनाया औऱ एक भी जवान को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ। पाकिस्तान के पास विमानों की कमी नहीं है, लेकिन चाहकर भी पाक भारतीय जेटों पर हमला क्यों नहीं कर पाया।

पीके सहगल ने बताई वजह

भारतीय जेटों पर पाकिस्तान के हमला ना कर पाने पर रिटायर्ड जनरल पीके सहगल ने कहा कि पाकिस्तानी जेट  F16 अधिकतम 3 जेट पर हमला कर सकता था, लेकिन भारत के 12 मिराज जेट के फॉरमेशनर पर F16 हमला करने में कामयाब नही हो पाता। बता दें कि F-16 Fighting Falcon जेट को अमेरिक एयरफोर्स ने तैयार किया है। ये भी मिराज की तरह ही मल्टी फाइटर जेट है। अमेरिका के पास 2 हजार जबकि बाकी देशों के बाद  2500 F 16 जेट हैं।

F-16 में 9 हार्डप्वाइंट होते है जो हथियार में फिट किए जाते हैं। हवा से हवा औऱ हवा से जमीन पर इस एयरक्राफ्ट के जरिए हमला बोला जा सकता है। इस एयरक्राफ्ट से कई तरह की मॉडर्न मिसाइलें फायर की जा सकती हैं। इसकी अधिकतम स्पीड 2400 किमी प्रति घंटा है जबकि रेंज 3200 किमी है। साथ ही इसमें और भी कई खास फीचर हैं जैसे इसमें इनबिल्ट अलार्म सिस्टम है जो की दुश्मनों की होने वाली गतिविधियों के बारे में पहले से सूचित कर देता है। इसमें भी लेजर गाइडेड मिसाइल फायर किए जाते हैं। बता दें कि F-16 इंजन एयरक्राफ्ट है औऱ इसमें फ्लाइट के दौरान ही इंधन भरा जा सकता है।

कैसे रचा गया 11 दिन का चक्रव्यूह

आपको बता दें कि पाकिस्तान पर ये हमला अचानक से उठकर नहीं लिया गया बल्कि 11 दिनों तक पूरी प्लानिंग की गई। सबसे पहले वायुसेना प्रमुख बीरेंद्र सिंह धनोवा ने सरकार के सामने हवाई हमले का प्रस्ताव रखा औऱ मंजूरी मिली। वायुसेनाऔर सेना ने नियंत्रण रेखा पर हेरोन ड्रोंस के साथ एयरबोर्न सर्विलांस को आजमाया। इसके बाद वायुसेना और खुफिया एजेंसियों ने हमले में निशाना बनाने के लिए संभावित स्थानों का खांका खींचा।

इसके बाद 21 फरवरी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के सामने हवाई हमले के लिए विकल्प को रखा गया। एयर स्ट्राइक मिशन के लिए मिराज लड़ाकू विमान की 1-स्कवाड्रन टाइगर्स और 7 स्कवाड्रन बैटल एक्सेस को सक्रिय किया गया।। 24 फरवरी को मध्य भारत में इसका ट्रायल किया गया। इसमें बठिंडा के अर्ली वार्निंग जेट और आगरा के हवा मे ईंधन भरने में सक्षम विमान भी शामिल हुए।

25 फरवरी से लेकर 26 फरवरी को ऑपरेशन शुरु किया गया। इसमें लेजर गाइडेड बम से लैज 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने ग्वालियर से उड़ान भरी। बठिंडा के एक अर्ली वॉर्निंग जेट और आगरा से हवा मे ईंधन भरने में सक्षम एक जेट ने भी उड़ान भरी, इसके अलावा एक हेरोन सर्विलांस ड्रोन की भी मदद ली गई। हमले से पहले मिराज के पायलटों ने लक्ष्यों को आखिरी बार परखा और फिर हमला करने की मंजूरी मिली। मिराज विमान ने मुजफ्फराबाद के पास नियंत्रण रेखा क्षेत्र में कम ऊंचाई पर उड़ान भरी। लेजर प़ॉड्स का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद 30 तक घटना को अंजाम दिया गया और जैश के ठिकानों को उड़ा दिया गया।

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