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मेजर विभूति और नितिका की प्रेम कहानी, कहा- प्यार क्या होता है ये विभूति ने मुझे सिखाया

हमारे देश के फौजी कितने साहसी होते हैं ये बात हम सभी जानते हैं, लेकिन उतनी ही वीरता और साहस उन फौजियों के परिवार वालों में होती है जो अंजाम की परवाह किए बिना भी अपने बेटे, पति और भाई को सरहद पर देश की रक्षा के लिए भेज देते हैं। ऐसे ही साहस का एक नमूना उस दिन हमें देखने को मिला जब पुलवामा हमले में बदले लेते वक्त मेजर विभूति ढौंडियाल शहीद हो गए। जब उनका पार्थिव शरीर घर लाया गया तो उनकी अंतिम यात्रा में मौजूद हर शख्स की आंखों में आंसू थे। उस शहीद के बगल में उसकी पत्नी भी थी जिसकी आंख में आंसू और बातों में थरथराहट थी, लेकिन दिल में पति के लिए गर्व था। मेजर विभूति की पत्नी ने जिस तरह अपने पति को अंतिम विदाई दी उसे देखकर हर किसी की आंखे भर आई। विभूति की पत्नी नितिका ने अपनी लव स्टोरी भी दुनिया को बताई जिसे सुनकर आज आपको भी गर्व होगा।

मेजर:- सुनो तुम्हे डर नहीं लगता ?

पत्नी:- किस बात का ?

मेजर:- मैं फौजी हूँ, कभी न लौटा तो ? बार्डर पर कभी गोली, कभी बम।

पत्नी:- चिल्लाकर! सुनिए, मैं शान से कहूँगी मोहल्ले में कि “मेरी इस सफेद चुनरी ने तुम सब के लाल दुपट्टों को रंग बांटा है।”

मेजर:- तू फौजी की पक्की फौजन है, गले लग जा इसी बात पर।

पत्नी:- हटिए, मौका चाहिए आपको तो❤

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तुमको_मुबारक़_ज़माने_की_खुशियां

मिटना_है_मुझको_मिटा_जा_रहा_हूँ।

प्यार में बदली दोस्ती

नितिका अपने पति के साथ बिताए पलों को याद करके भावुक हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि  लगभग 4 साल पहले उनकी मुलाकात मेजर विभूति से दिल्ली में हुई थी। ये बिल्कुल ही समान्य मुलाकात थी , लेकिन दोस्ती के रास्ते दोनों तरफ से खुल गए थे। य़े दोस्ती ऐसी हुई की कुछ समय बाद ही प्यार में बदल गई। फिर तो बात और आगे बढ़ गई और दोनों ने सात फेरों के साथ जन्म जन्म के लिए एक होने की कस्म खा ली और शादी कर ली।

नितिका ने कहा शादी से पहले प्यार क्या होता है, केयर क्या होती है ये सब मालूम ही नहीं था। शादी के बाद पता चला की प्यार क्या होता है। उन्होंने बताया कि उनके रिश्ते में सब कुछ दोस्ती की तरह ही था। नितिका ने कहा- विभूति ने मेरी जिंदगी बदल दी। शादी के बाद विभूति ने उनकी बहुत केयर की और उन्हें प्यार करना सिखाया। एक पत्नी की तरह नितिका के मन में भी अपने पति को लेकर डर रहता था, लेकिन विभूति उनसे हमेशा एक बात कहते थे।

अंतिम विदाई में भी किया प्यार का इजहार

विभूति हमेशा नितिका से कहते थे- तुम एक फौजी की पत्नी हो, लिहाजा हर माहौल में, हर हालात में और हर खबर से निपटने के लिए तैयार रहना। शायद यही वजह थी कि जहां और लोग अपने घर के चिराग को बूझता देख बेकाबू हो रहे थे मेजर विभूति की पत्नी किसी चट्टान की तरह अपने पैरों पर खड़ी थीं। अंतिम समय  में वो अपने पति के पास खड़ी रही और उनकी ओर ऐसे देखती रहीं मानों इशारों में कोई बातें कह रही हों और मेजर सब समझ भी रहे हों।

इसके बाद अपने पति के बारे में बोलते बोलते देश के लिए कहा जय हिंद और पूरा देश जय हिंद के नारों से गूंज उठा। देश से प्यार जताने के बाद नितिका ने जोर से चिल्लाकर कहा- आई लव यू और दुनिया को बताया कि वह अपने पति से कितना प्यार करती हैं। बहुत बड़ी हिम्मत चाहिए रहती है अपने किसी प्यारे को ऐसे खो देने के लिए इसलिए तो कहते हैं कि जितने महान हमारे फौजी होते हैं उससे भी ज्यादा महान उसके परिवार वाले होते हैं जिनके साथ ऐसा होने के बाद भी देश के प्रति उनका लगाव कम नहीं होता।

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