अध्यात्म

अगर इन 5 लोगों ने दिया श्राप तो कभी नहीं मिलेगा संतान सुख, जानें क्या हैं श्राप से मुक्ति के उपाय

आशीर्वाद एक ऐसी सकारात्मक उर्जा होती है जिसके रहने से लोगों का काम सफल होता है और वो जिंदगी में तरक्की पाते हैं। हमारे भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी आशीर्वाद को बहुत अहम माना गया है। जैसे हमारे यहां कहते है सुखी रहो- खुश रहो भगवान तुम पर कृपा बनाए वैसे ही विदेशों में भी गॉड ब्लेस यू कहते हैं। जब हम अपने से बड़ों के आगे सम्मान में सिर झुकाते हैं तो हमें आशीर्वाद मिलता है। आशीर्वाद का ठीक उल्टा होता है श्राप यानी की बद्दुआ। कभी भी किसी का दिल ऐसा नहीं दुखाना चाहिए की उसके मुंह से आपके लिए श्राप निकल जाए।

पहले के समय में इतने प्रतापी लोग हुआ करते थे के वो जैसे श्राप दे देते थे उसके साथ वैसा ही हो जाता था। इस वजह से हमेशा से हमें ये सिखाया गया कि हमेशा सबसे आशीर्वाद ही लें और किसी का श्राप ना लें। आप यकीन करें ना करें, लेकिन इस श्राप  का आपकी जिंदगी पर बहुत असर पड़ता है। कुछ मामलों में तो विज्ञान भी अंचभित रह जाता है कि आखिर बिना किसी समस्या के दिखे वो समस्या हो कैसे रही है। ऐसे ही एक समस्या होती है संतान प्राप्त ना कर पाने की। प्राकृतिक तरीके से आप बच्चे पैदा करने की कोशिश करते हैं औऱ दिक्कत आने पर उसकी दवा करते हैं, लेकिन कई बार उससे भी फायदा नहीं मिलता। आपको बता दें कि कई बार ऐसा श्राप के कारण भी होता है। आज आपको ऐसे 5 श्राप के बारे में बताते हैं जिनसे आपको संतान प्राप्ती में दिक्कत हो रही है।

मातृश्राप

पिछले जन्म में या इस जन्म में अगर आपको मां से श्राप मिला होगा तो आपके घर में नन्ही किलकारियां नहीं गुजेंगी और अगर बच्चे हो भी गए तो संतान से जुड़े कष्ट आपको भोगने पड़ेंगे। इस श्राप से मुक्ति के लिए पुरुष को रामेश्वर्म तीर्थ मे जाकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद जितना सामर्थ्य हो उतना दूध से भरा चांदी का कोई बर्तन दान में दे देना चाहिए। ऐसा दान करने से और पूजा करने से मातृश्राप से मुक्ति मिलती है और सुंदर, चरित्रवान बच्चा घर में जन्म लेता है।

भातृश्राप

पिछले जन्म या इसी जन्म में अगर आपके भाई ने आपसे दुखी होकर आपको श्राप दिया हो तो भी आपके घर बच्चे नहीं होंगे। इस श्रॉप से मुक्ति के लिए भगवान विष्णु की पूजा करें। श्री लक्ष्मी नारायण की कथा सुने। कहीं भी यमुना या कृष्णा नदी में स्नान करे। पीपल के वृक्ष लगाएं और उसकी सेवा करते रहे। ऐसे में आपके घर भी संतान आ जाएगी।

ब्राह्मण

अगर आपने अपने पिछले जन्म में ब्राह्मण से कोई श्राप पाया होगा तो इसका उपाय करना बहुत जरुरी है। कलयुग में भी ब्राह्मण के श्राप से बचना चाहिए। इस श्राप से मुक्ति के लए चांद्रायण व्रत करना चाहिए। अगर संभव हो सके तो किसी योग्य ब्राह्मण को गा. दान कर दें। इससे आप श्राप मुक्त हो जाएंगे औऱ आपके एक सुंदर पुत्र की प्राप्ति होगी।

पत्नि श्राप

ऐसा सुनकर आपको हैरानी हो सकती है, लेकिन पिछले जन्म या इस जन्म में अगर आपने पत्नि का श्राप पा लिया तो भी आपके घर कभी किलकारी नहीं गुजेंगी। इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए श्री लक्ष्मीनारायण की प्रतिमा का विधिवत पूजन करना चाहिए। गोदान करने या कन्यादान से भी इस श्राप की मुक्ति मिलती है।

प्रेतजनित श्राप

संतान सुख में बाधा आ रही हो तो इसके लिए प्रेत श्राप भी जिम्मेदार हो सकता है। अगर आपको ऐसा एहसास हो तो इससे मुक्ति के लिए जिस व्यक्ति का प्रेत महसूस हो रहा हो उस जातक को तीर्थ में विधिवत श्राद्ध करा देना चाहिए और ब्राहम्णों को भोजन भी करा देना चाहिए।

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