अध्यात्म

मकर संक्राति के दिन की गईं आपकी ये गलतियां बढ़ा देंगी परेशानी

मकर संक्राति का त्यौहार नजदीक है। सूर्य देव की उपासना की जाती है। इस दिन सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करता है इसलिए इसे मकर संक्रांति कहते है। इस बार यह त्यौहार 15 तारीख को पड़ रहा है।इस दिन से सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ता है जिसके बाद से दिन लंबे होने लगते हैं।इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। यह नए साल के बाद से मनाए जाना वाला पहला त्यौहार है। हालांकि इस त्यौहार को मनाने के दौरान बहुत सी सावधानियां बरतनी की जरुरत होती है।

महिलाओं को नहीं धोने चाहिए बाल

शास्त्रों में माना गया है कि महिलाओं को इस दिन बाल नहीं धूलना चाहिए। महिलाओं के बाल से घर के वास्तु को जोड़ कर देखा जाता है। ऐसे में किसी भी कार्यक्रम में महिलाओं के बाल धूलने को लेकर कई तरह की मान्यताएं होती हैं। ऐसे में मकर संक्रांति के दिन महिलाओं का बाल ना धूलना ही सही माना जाता है।

पेड़ पौधे  ना कांटे

इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है औऱ इस दिन पेड़ पौधें की छंटाई या कटाई नहीं करनी चाहिए।

नशे से दूरी

धान्य औऱ भोजन वाला .यह त्यौहार अनाज के लिहाज से बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन शराब का , प्याज का और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही अपशब्दों से भी बचना चाहिए। सभी से प्रेम से बात करें औऱ किसी की बुराई ना करें।

संध्या के बाद ना करें भोजन

इस त्यौहार में सुबह उठकर स्नान कर गुड़ चावल और दूसरे अनाज का दान करते हैं। इसमें कहा जाता है कि संध्या के समय यानी सूरज ढलने के बाद अन्न का उपयोग करना सही नहीं माना जाता है। अगर आप सूर्य देव की कृपा पाना चाहते हों तो अन्न का सेवन ना करें।

स्नान के बाद भोजन

यह दिन आम दिनों से बहुत खासा होता है। आपकी आदत होगी की हर सुबह आप सबसे पहले चाय पीते होंगे और फिर नहा कर पूजा करते होंगे। इस दिन ऐसा ना करें। सबसे पहले उठें तो खुद को साफ कर नहाए। नहाने के बाद दान करें औऱ उसके बाद ही मुंह में भोजन डालें। नहाने के बाद ही खाना खाने से शुभ लाभ मिलता है।

दान करें

यह दिन दान के लिए बहुत खास होता है। ऐसे में अगर कोई साधु, संत, भिखारी आपके द्वार पर आएं तो उन्हें खाली हाथ ना जानें दें। इस दिन दान देना अच्छा होता है। ऐसे में जिस चीज को आप छूकर दान के लिए निकालें उन्हें दान करें।

क्यों उड़ाते हैं पतंग

यह दिन पतंग उड़ाने के लिए बहुत खास होता है। सर्दियों के मौसम में खेल खेलना बहुत ही अच्छा होता है। ऐसे में पतंग उड़ाई जाती है जिससे शरीर के अंदर सूर्य की किरणें शरीर पर पड़ें। साथ ही सुबह के समय में पतंग उड़ाना अच्छा माना जाता है। दरअसल इस दिन सूर्य भगवान अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी छोड़कर उनके घर गए थे। इस दिन को सुख और समृद्धि का दिन भी माना जाता है। मकर संक्रांति को देश में पोंगल, माघी और खिचड़ी के नाम से भी जानते हैं।

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