अध्यात्म

इन लोगों को भूलकर भी ना लगाएं पैर, जीवन हो जाएगा बर्बाद

भारत में हमेशा से संस्कारों को बहुत मान्यता दी गई है। इसमें भी खासकर हिंदू सभ्यता में चीजों का बहुत मान रखा जाता है। हमारे यहां लोगों का बड़ों का पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं। झुकना और प्रणाम करना हमारी परंपरा है। ऐसे में यहां पैर लगने का भी बहुत ख्याल रखा जाता है। यहां कुछ लोगों को पैर से कभी नहीं छूना चाहिए। इसे असम्मान देना तो समझते हीं है साथ ही आप अपने लिए किस्मत के दरवाजे बंद कर देते हैं। अगर आप किसी का सम्मान करते हैं तो इससे आपका कुछ घटता नहीं। किसी को सम्मान देना गलत नहीं, लेकिन उसका अपमान करना बहुत ही गलत हैं।

ब्राह्मण

हमारे हिंदू समाज में ब्राह्मण को सबसे ऊंचा माना गया है। ब्राह्मण को सबसे पूजनीय माना जाता है। घर में किसी भी शुभ कार्यक्रम के लिए यज्ञ या हवन ब्राह्मण ही करवाते हैं। इनके दिए आशीर्वाद लात पीढ़ी तक परिवार पर असल डालते हैं। ऐसे में कभी किसी ब्राह्मण को भूल से भी पैर ना लगाएं। जहां तक हो उनका आदर सम्मान करें। उन्हें घर से खाली हाथ कभी ना जानें दें। अगर सामर्थ्य हो तो भोजन जरुर कराएं। ऐसा करने से आपके जीवन परिवार में खुशहाली बनी रहेगी।

कुंवारी कन्या

जिन कन्याओं की उम्र कम होती है औऱ उन्हें मासिक धर्म शुरु नहीं हुआ होता है वह कन्याएं कुंवारी कन्य़ाएं कहलाती हैं। ऐसी कन्याओं को हमारे देश में पूजा जाता है। इनका पैर छूना चाहिए और गलती से भी इन्हें पैर नहीं लगाना चाहिए। कुंवारी कन्या को मां जगदंबे का रुप मानते हैं और ऐसे में भूल से भी उन्हें पैर नहीं लगाना चाहिए औऱ ना ही दुत्कारना चाहिए। वैसे किसी भी उम्र की कन्या के साथ गलत व्यवहार नहीं करना चाहिए। मां हर रुप में उनमें वास करती हैं।

अग्नि

आग या अग्नि के हिंदू धर्म में देव माना गया है। यह अग्नि ना हो तो संसार के सारे काम रुक जाएंगे। अग्र्नि से हम खाना बनाते हैं, पकाते हैं। सर्दियों में इससे अपनी शरीर गर्म करते हैं औऱ .यह बहुत तरह से हमारे काम आती है। अग्नि को इतना पवित्र मानते हैं कि इसके सात फेरे लेने से लोग शादी के बंधन में बंध जाते हैं। ऐसे में अग्नि को कभी भी पैर नहीं दिखाना चाहिए। उसके आगे हम हाथ जोड़ते हैं और पैर दिखाना पाप के दरवाजे खोलता है।

गुरु

भगवान औऱ गुरु में गुरु को सबसे उच्च माना गया है। हमारे माता पिता हमारे गुरु समान होते हैं। गुरु को ईश्वर तक पहुंचने का जरिया बताया गया है। गुरु को कभी भी पैर से नहीं छूना चाहिए। हमारे यहां गुरु के पैर छूना स्वर्ग का रास्ता बताया गया है। गुरु का हमेशा सम्मान करें। गलती से भी गुरु का असम्मान ना करें। गुरु में ईश्वर के छिपे होने की बात होती है। गुरु को पैर लगाने का अर्थ है ईश्वर का असम्मान। यह आपके पतन का कारण बनता है।

बुजुर्ग

घर के बड़े बूढ़े अपने आप आपके घर के गुरु और ईश्वर दोनों बन जाते हैं। ऐसे में उन्हें कभी भी पैर नहीं लगाना चाहिए। उनकी सेवा करना बहुत ही अच्छा होता है। आपके घर के बुजुर्ग आपकी घर की ढाल होते हैं। हमेशा उनकी सेवा करें और उनके साथ कभी बुरा नहीं करना चाहिए।

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