अध्यात्म

खोदा मकान निकला मंदिर, काशी विश्वनाथ से भी बड़ा शिवलिंग

मंदिर निर्माण को लेकर कहीं बहस जारी है तो वहीं एक जगह ऐसी हैं जहां मंदिर खुद ब खुद निकल कर सामने आ रहे हैं। दरअसल पीएम मोदी का संसदीय शहर है वाराणसी जिसे पहले काशी के नाम  से जानते थे। वहां उनके ड्रीम प्रोजक्ट काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के तहत ध्वस्तीकरण का काम चल रहा है। बता दें कि मंदिर कॉरिडोर के लिए 182 मकानों के खरीदा गया है और कॉरिडोर बनाने के लिए इसे ध्वस्त किया जा रहा है। गौरतलब है कि इस प्रक्रिया में 18वीं से 19वीं सदी के कई बहुत ही पुराने मंदिर मिले हैं।

काशी विश्वनाथ से मिलता है मंदिर

जो मंदिर सबसे ज्यादा ध्यान खींच रहा है वह काशी विश्वनाथ से हुबहु मिलता है। यानी की मान सकते हैं कि काशी में दो विश्वनाथ मंदिर हो गए हैं। मंदिर की दीवारों पर कलात्मक आकृतियां खुदी हैं जो इस बात का प्रमाण हैं कि यह मंदिर बेहद ही प्राचीन है। गौरतलब है कि ध्वस्तीकरण के मामले में अब तक 43 की संख्या में छोटे बड़े कई तरह के मंदिर सामने आए हैं।

बता दें कि यह पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है। देशभर से श्रद्धालू बाबा काशी विश्वनाथ के मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। उनके सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 25 हजार वर्गमीटर में मर्णिकर्णिका औऱ ललिता घाट से मंदिर तक 40 फीट के दो कॉरीडोर बनाने का काम चल रहा है। यह काम पिछले कई महीनों से चल रहा है औऱ अब तक कई मंदिर सामने आए हैं।

बता दें कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ का मंदिर हमेशा से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा हैं। यह 12 ज्योतिर्लिंगो में से एक हैं। वहीं मकान की खुदाई करते हुए ऐसा मंदिर मिला है जो बिल्कुल विश्वनाथ मंदिर जैसा मालूम होता है।  इस मंदिर में शिवलिंग और नंदी का आकार विश्वनाथ की तुलना में काफी ब़ड़ा है। मंदिरों की नक्काशी औऱ कला देखने लायक है।

इतिहासकार का मानना है कि धवस्तीकरण में अब तक जितने मंदिर मिले हैं वह 18वीं से 19वीं सदी के बीच है। इन्हें परमारकालीन मंदिर कह सकते हैं। काशीविश्वनाथ का मंदिर में मुख्य रुप से शिव की प्रतिमा है और इस नाम का अर्थ होता है ब्रह्मांड के शासक।  कहा जाता है भगवान शिव की पूजा यहां बहुत पहले से की जाती थी। इस मंदिर को तोड़कर फिर से बनाया गया था। अभी जैसा मंदिर वर्तमान में दिखता वह इंदौर की मराठा शासक अहिल्या बाई होलकर ने 1780 में बनवाया था।

अब तक मिले 43 मंदिर

कहा जा रहा है कि ध्वस्तीकरण का कार्य चलने की वजह से इन मंदिर की प्राचीनता पता करने में मुश्किल हो रही है। कॉरिडोर में कई मंदिर तो मिले ही हैं साथ ही कई तरह की प्राचीन धरोहर भी मिल रही हैं जिन्हें संग्रहालय में रखा जाएगा। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्ययपालक ने कहा है कि कॉरिडोर निर्माण के लिए जो भी ध्वस्तीकरण का काम चल रहा है उनमें से जो भी प्राचीन मंदिर या विग्रह निकलकर सामने आ रहे हैं उन्हें सुरक्षित रखा जाएगा। बता दें कि 182 भवनों को खरीदने के साथ 40 मकान ध्वस्त किए जा चुके हैं। आगे अभी यह प्रकिया जारी है।

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