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सरदार पटेल की मूर्ति 2 हफ़्तों में ही टूटने लगी है? जानिए इस वायरल तस्वीर का सच

दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का खिताब पाने वाली स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में दरारे पड़ने लगी हैं. ऐसा हम नहीं बल्कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल मैसेजेस कह रहे हैं. लगभग 3000 करोड़ रुपये में बनी इस मूर्ति का कद 182 मीटर ऊंचा है और जो सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा है और उनके जन्मदिवस के मौके पर ही उसे प्रतिस्थापित की गई थी.

इसके बाद अब खबरें आ रही हैं कि ये मूर्ति दरारों में घिर रही है और इस मूर्ति के टूटने की खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. फोटों में सरदार पटेल के पैरों वाला हिस्सा नजर आ रहा है जिसमें सफेद रंग की लकीरें और दावा किया जा रहा है कि ये लकीरें असल में दरार है. तो क्या मूर्ति बनने के दो हफ्ते में ही टूटने लगी सरदार पटेल की मूर्ति या फिर ये है सिर्फ भ्रम, इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं.

दो हफ्ते में ही टूटने लगी सरदार पटेल की मूर्ति या फिर ये है सिर्फ भ्रम

एक वेबसाइट ने इस वायरल मैसेज के पीछे का सच जानने के लिए कई शोध किये जिसमें कुछ बातें सामने आईं. 31 अक्टूबर, 2018 को जब प्रधानमंत्री ने इस मूर्ति का उद्घाटन किया था तब की तस्वीरें स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की वेबसाइट पर अपलोड की गई हैं और जब उन तस्वीरों को आप देखेंगे तब भी उन तस्वीरों में पटेल के पैरों वाले हिस्से में सफेद रंग की लकीरें दिखाई देंगी. इसका मतलब ये तस्वीरें मूर्ति बनने के समय की ही हैं लेकिन ये लकीरें कैसी हैं और क्या है इन लकीरों का मतलब ? दरअसल इस बारे में जब मीडिया ने विस्तार से जानना चाहा तो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बनाने में सीईओ आईके पटेल ने इसके बारे में कुछ अहम बातें बताईं.

उन्होंने बताया कि वो लकीरें दरारें नहीं है बल्कि उस मूर्ति को टचअप देने के लिए विशेष प्रकार की चीजों का इस्तेमाल किया गया है जो मूर्ति को और जटिल बनाती है लेकिन उसे बेकार में सभी दरारें कह रहे हैं कुछ न्यूज एजेंसी के मुताबिक ऐसे मैसेज विपक्ष दल के नेताओं द्वारा फैलाए जा रहे हैं. खैर सच्चाई ये है कि वो सफेद लकीरें दरारे नहीं है तो अब आपको बताते हैं कि वो सफेद लकीरें कैसे और क्यो बनाई गई हैं.

क्या है इन सफेद लकीरों का सच

आईके पटेल ने बताया कि 182 मीटर ऊंची प्रतिमा को एक पार्ट में बनाना असंभव था इसलिए प्रतिमा में 8 एमएम की कांसे की प्लेटों को खास तरीके की वेल्डिंग से पूरी तरह से जोड़ा गया है. प्लेटों को विशेष वेल्डिंग के आधार पर जोड़ने से वो मूर्ति और भी मजबूत बनती है और इसमें दिखने वाली सफेद लाइन वेल्डिंग का जोड़ ही है. जिसे देखकर स्वाभाविक तौर पर किसी को भी दरारों का आभास होता है लेकिन ये दरार नहीं स्टैच्यू बनाने के लिए इस्तेमाल की गई वेल्डिंग का ही एक भाग है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में दरार आने की बात बिल्कुल और पूरी तरह से अफवाह है.

 

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