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आम चुनाव से पहले ही महागठबंधन में दरार, विपक्ष की बैठक में मायावती के शामिल होने पर सस्‍पेंस

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां ऐड़ी चोटी का बल लगाती हुई नजर आ रही हैं। आगामी आम चुनाव बीजेपी बनाम महागठबंधन हो सकता है। जी हां, लोकसभा चुनाव के लिए तमाम विपक्षी पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ सकती है, जिसकी तैयारियां 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही होने लगी थी। इसी सिलसिले में 10 दिसंबर को बैठक होने वाली है, जिसमें आगामी चुनाव को लेकर रणनीतियां तय हो सके, लेकिन महागठबंधन की नींव पड़ने से पहले ही कमज़ोर दिखाई दे रही है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

लोकसभा चुनाव में मोदी को हराने के लिए तमाम राजनीतिक पार्टियां एकजुट हो रही हैं, ताकि महागठबंधन बन सके। महागठबंधन की नींव रखने के लिए 10 दिसंबर को विपक्षी दलों की मीटिंग रखी गई है, जिसकी हवा बहनजी मायावती निकालने पर तुली हुई हैं। जी हां, महागठबंधन के लिए मायावती का साथ बहुत ज़रूरी है, लेकिन वे इससे अलग थलग दिख रही हैं। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू की अगुवाई में होने वाली इस मीटिंग में मायावती के आने पर संस्पेंस बरकरार है, जिसकी वजह से माना जा रहा है कि विपक्ष की महागठबंधन की चाल शुरू होने से पहले ही फ्लॉप हो जाएगी।

कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेंगी मायावती

यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती  की नाराज़गी महागठबंधन से नहीं है, बल्कि उनकी नाराज़गी कांग्रेस पार्टी से है। यही वजह है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मायावती ने कांग्रेस से गठबंधन करने के लिए साफ मना कर दिया। ऐसे में  विपक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह कांग्रेस से नाराज चल रही पार्टियो को कैसे अपने खेमे में करे या फिर कांग्रेस इस गठबंधन से बाहर निकल कर अकेले चुनाव के मैदान में उतरे। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती कई बार यह चुकी हैं कि कांग्रेस के साथ गठबंधन का तो सवाल ही नहीं बनता है।

यूपी उपचुनाव के बाद से यह चर्चा में है कि उत्तरप्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस, बीएसपी और एसपी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी, लेकिन मायावती अक्सर कांग्रेस को नज़रअंदाज़ करती हैं, जिसकी वजह से यह माना जा रहा है कि मायावती विपक्ष की इस बैठक में भी शामिल नहीं होंगी, क्योंकि इसमें कांग्रेस भी शामिल है। हालांकि, मायावती को मनाने की पूरी कोशिश की जा रही है, लेकिन सूत्रों की माने तो मायावती अपनी ही ज़िद में अड़ी है कि उन्हें कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ना है और इसलिए वे इस बैठक में नहीं शामिल हो सकती हैं।

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