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एक ऐसी सुहागन महिला जिसे सरकार देती है विधवा पेंशन, वजह जान कर आप भी कहेंगे वाह

न्यूज़ट्रेंज वेब डेस्क: औरतों के लिए विवाहित होना या यूं कहे कि सुहागन होना काफी अहमियत रखता है, देश में ऐसे कई त्यौहार भी मनाए जाते हैं जिनमें पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं निर्जला व्रत तक रखती हैं लेकिन कभी आपने ये सोचा है कि आपके पति के जीवित रहते ही कोई आपको विधवा घोषित कर दें। बेशक ये बात किसी भी सुहागिन महिला को बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगेगी, भले ही उसके एवज में उस महिला को राशिलाभ हो। आइये आपको बताते हैं एक ऐसे ही वाक्ये के बारे में जिसमें एक महिला को सुहागन होते हुए भी विधवा पेंशन दी जाने लगी।

हम सब जानते हैं कि भारत में सरकारी कामों को कराने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है, किसी भा सरकारी काम को करने में काफी लंबा वक्त लगता है उसके बाद भी बड़ी मुश्किल से सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पाता है, लेकिन तब क्या हो जब आपको बिना मेहनत किए ही सरकारी योजना का लाभ मिल जाए, पक्का है कि आपकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहेगा। और ऐसा ही हुआ है लखनऊ के सीतापुर में रहने वाली एक महिला के साथ ,उसको बिना सरकारी ऑफिस का चक्कर लगाए ही उसके बैंक खाते में विधवा पेंशन आने लगी, लेकिन वो महिला इस बात से जरा भी खुश नहीं हुई और उसने इस बात की शिकायत कर दी। अब आप सोच रहे होंगे कि ये महिला बेवकूफ थी लेकिन ऐसा नहीं हैं क्योंकि अब जो हम आपको बताएंगे उसे जानकर आप के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है।

जानिए क्या है पूरा मामला

ये मामला है सीतापुर के बट्स गंज का जहां पर एक महिला (प्रियंका) को शादी के आठ महीने ही हुए थे और उसको विधवा पेंशन मिलने लगी जबकी उसका पति जिंदा था। इस महिला का पति संदीप कुमार महमूदाबाद ब्लॉक का सफाई कर्मी हैं। शादी के आठ महीने बाद एक दिन प्रियंका के मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसमें उसके खाते में 3000 रूपए  की धनराशि प्राप्त हुई। जिसके बाद संदीप ने खाते में आई इस धनराशि के बारे में बैंक में पता किया तो पता चला उसके खाते में जो राशि आई है वह धनराशि विधवा पेंशन की है। इस बात का पता चलते ही संदीप ने इस बात की जानकारी सीधे प्रोबेशन विभाग के अधिकारी को दी कि मैं जिंदा हूं और मेरी पत्नी के खाते में विधवा पेंशन भेजी जा रही है लेकिन जिला प्रोबेशन अधिकारी ने संदीप की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की इसके बाद संदीप ने मुख्यमंत्री आइजीआरएस से लेकर डीएम को इस बात की शिकायत की जिसके बाद डीएम ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए।

इस मामले के तूल पकड़ते ही सीतापुर के बट्स गंज में रहने वाला वहीं 22 सुहागिनों को विधवा पेंशन दिए जाने का मामला सामने आया और इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। सरकारी अधिकारी की ये गैर जिम्मेदारा हरकत देखकर आपको भी गुस्सा आ रहा होगा क्योंकि एक तरफ ना जानें कितनी गरीब विधवा महिलाएं पेंशन पाने के लिए अधिकारियों की चौखट पर चक्कर काटती हैं लेकिन उनको पेंशन नसीब नहीं होती वहीं दूसरी तरफ नौकरी पेशा लोगों की पत्नियों को विधवा पेंशन का लाभ मिल रहा है।

बता दें कि फर्जी विधवा पेंशन मिलने के बाद संदीप अपने को जीवित साबित करने के लिए अफसरों से गुहार लगा रहा है लेकिन उसको न्याय नहीं मिल पा रहा है लेकिन इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने वालें दलालों की तरफ से उसे जान से मार देने की धमकी जरूर मिलनें लगी हैं। सफाई कर्मी के द्वारा विधवा पेंशन के नाम पर किए गए फर्जी वाले के खुलासे से साफ जाहिर हो गया है कि एक तरफ योगी सरकार भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की बात कर रही है लेकिन सीतापुर में अफसरशाही दलालों के माध्यम से भ्रष्टाचार को अमलीजामा पहना रहे हैं।

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