अध्यात्म

विवाहित महिलाएं पहनती हैं ये तीन चीज़ें तो आती हैं मुसीबतें

हमारे भारतीय समाज में वास्तु शास्त्र को बहुत महत्ता प्रदान हैं क्योंकि किसी नए काम को शुरू कराने से पहले लोग वास्तु शास्त्र के द्वारा पता करते हैं कि जो वो काम शुरू करने जा रहे हैं वो उनके लिए शुभ होगा या नहीं और फिर जाकर ही वो उस काम को प्रारम्भ करते हैं। लेकिन आज के इस आधुनिक जमाने में कहाँ लोग वास्तु दोष या वास्तु शास्त्र पर विश्वास करते हैं। लेकिन आज भी बहुत सारे लोग हैं जो वास्तु शास्त्र पर आज भी भरोसा करते हैं। दरअसल आजकल की महिलाएं भिन्न-भिन्न प्रकार के आभूषण पहनती हैं मगर बहुत सारी ऐसी चीजें शामिल हैं जिसके धारण करने से व्यक्ति के जीवन में नकारात्मकता आती हैं और हमेशा परेशान रहने लगता हैं ।

ऐसे मे उसे कुछ समझ में नहीं आता हैं कि आखिर उसकी जिंदगी में इस तरह की नकारात्मकता अचानक से कहाँ से आ गयी हैं। असल में ये सारी समस्या शादीशुदा महिलाओं के कुछ चीजों के पहनने के कारण होता हैं, इसलिए आज हम आपको उन्हीं चीजों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।

शादीशुदा महिलाओं को नहीं पहनने चाहिए ये चीजें

सफ़ेद साड़ी

शादीशुदा महिलाओं को कभी भी सफ़ेद साड़ी नहीं पहननी चाहिए क्योंकि सुहागिन महिलाओं का सफ़ेद साड़ी पहनना अशुभ माना जाता हैं और इसे विधवा महिला का प्रतीक माना जाता हैं क्योंकि जब किसी महिला का पति मर जाता हैं तो उसे सफ़ेद साड़ी पहनने को दिया जाता है ताकि लोगों को पता चल सके की इस महिला का पति मर चुका हैं। इतना ही नहीं सफ़ेद साड़ी पहनने से शादीशुदा महिलाओं की पतिव्रता भंग हो जाती हैं और उस महिला के पति की जीवन पर खतरा मंडराने लगता हैं और पति-पत्नी के रिश्तो के बीच धीरे-धीरे कड़वाहट नजर आने लगती हैं। इसलिए भूल से भी सुहागिन महिलाएं सफ़ेद साड़ी ना पहने अर्थात आप सुहागिन हैं तो आप सफ़ेद साड़ी ना पहने।

सोने के पायल और बिछिया

आजकल फैशन के दौर में महिलाएं सोने के पायल और बिछिया पहनने लगी हैं। दरअसल कभी भी पैरों में सोने से बनी कोई चीज नहीं पहननी चाहिए क्योंकि सोने को कुबेर देवता का प्रतीक माना जाता हैं और यदि आप सोने के पायल या बिछिया पहनती हैं तो आपसे कुबेर देवता नाराज हो जाएंगे। जिसके कारण आपके घर दरिद्रता वास करने लगेगा और आपके पति की तरक्की भी रुक जाएगी। सोने की गहनों से संबन्धित ये मान्यता हैं कि इसे कमर के ऊपर वाले शरीर के हिस्से में ही पहन सकते हैं, इसलिए सोने की वस्तुएँ अर्थात पायल या बिछिया नहीं पहननी चाहिए।

काली रंग की चूड़िया

काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता हैं और किसी भी शुभ काम में काले रंग की वस्तुएँ इस्तेमाल नहीं की जाती हैं। दरअसल चूड़ी भी सुहाग का प्रतीक होता हैं और यह सुहागिन महिलाओं का एक शृंगार होता हैं। इसलिए कभी भी अपने हाथों में काली रंग की चुड़ियाँ ना पहने बल्कि काली चूड़ियों के अलावा आप अन्य रंग की चूड़िया पहन सकती हैं। इसके अलावा काली रंग की चूड़ियों से आपके पति और बच्चो को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं, इसलिए भूल से या फैशन में काली रंग की चुड़ियाँ ना पहने।

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