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बाजीगर फिल्म के 25 साल पूरे, शाहरुख को नहीं बल्कि इस एक्टर को मिला था रोल

शाहरुख खान को जनता का बहुत प्यार मिला और इसे प्यार के चलते उन्हें कई नाम मिले जैसे किंग खान, रोमांस किंग, बादशाह औऱ बाजीगर। यह दो नाम शाहरुख की फिल्मों के नाम पर मिला था जिसमें फिल्म बाजीगर को आज 25 साल पूरे हो गए हैं। यह वही फिल्म है जिसमें पहली बार कोई हीरो ही विलेन के रोल में था। काजोल, शिल्पा और शाहरुख की थ्रिलर एक्शन फिल्म देशभर में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में पसंद की गई थी। इस फिल्म को आज 25 साल पूरे हो गए हैं। आइये जानते हैं इस फिल्म से जुड़े कुछ खास किस्से।

शाहरुख ने बदली हीरो की परिभाषा

डर औऱ बाजीगर जैसे फिल्मों ने ही शाहरुख को शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचाया था औऱ इस फिल्म में ही काम करके ही शाहरुख ने हीरो की परिभाषा ही बदल दी थी। फिल्म बाजीगर के जरिए लोगों का एक ऐसा हीरो मिला था जो किसी विलेन से कम नहीं था। वह कभी किसी हिरोइन के साथ इश्क लड़ाता है तो कभी किसी हिरोइन की ही हत्या कर देता है। उस वक्त तक लोग हीरो को सिर्फ नायक समझते थे। वह हीरो जो सिर्फ लड़की को गुंडों से बचाता है, उसकी रक्षा करता है।

तो शाहरुख को नहीं मिलता यह रोल

बाजीगर में शाहरुख का किरदार ग्रे शेड में था।  उनका रोल समझ पाना शायद हर किसी के बस की बात नहीं थीं शायद यही वजह थी कि अनिल कपूर औऱ सलमान खान जैसे सितारों नें इस फिल्म को करने से मना कर दिया। इस फिल्म के निर्देशक थे अब्बास मस्तान। उन्हें जब कोई ऑप्शन नहीं दिखा तो यह रोल फिर उन्होंने शाहरुख को ऑफर किया। कहना गलत नहीं होगी कि शाहरुख ने उन्हें बिल्कुल भी निराश नहीं किया और अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया।

रुक गई थी फिल्म

अब्बास मस्तान ने इस फिल्म से जुड़ी एक बड़ी ही खास बात बताई। मस्तान ने बताया कि फिल्म बाजीगर बनाना आसान नहीं था। दरअसल इस फिल्म का मुहूर्त 1992 में निकला था और इसकी शूटिंग शुरु होने वाली थी। हालांक शूटिंग से पहले 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंश के बाद देश के कई हिस्सों में दंगे भड़क गए। दंगों के चलते फिल्म का काम रोक दिया गया।

तो बदल जाता अंत

कुछ समय इंतजार के बाद मार्च के महिने में एक बार फिर इस फिल्म की शुरुआत हुई। जून तक इस फिल्म का काम खत्म हुआ और दीवाली के वक्त इस फिल्म को रिलीज करने का फैसला हुआ। इस फिल्म का एक रोचक किस्सा यह भी है कि इस फिल्म में शाहरुख के मां का रोल निभाने वाली राखी इस फिल्म का अंत कुछ और चाहती थीं।

यह अंत चाहती थीं राखी

दरअसल फिल्म के अंत में शाहरुख के किरदार की मौत हो जाती है। राखी का कहना था कि फिल्म का यह अंत नहीं होना चाहिए। दर्शक इसे पसंद नहीं करेंगे। बहुत सारे ड्रिस्टीब्र्यूटर का भी यही मानना था कि नायक का मरना सही नही है। इसकी जगह पुलिस आए और उसे गिरफ्तार करके ले जाए।

बेस्ट थ्रिलर बनी बाजीगर

उस वक्त अब्बास मस्तान ने फिल्म को दो अंत फिल्माए। जब वह गिरफ्तार वाला सीन कर रहे थे तो उन्हे ऐसा लगा कि उनके हीरो का करैक्टर वैसा नहीं आ रहा है जैसा होना चाहिए इसके बाद उन्होंने वही सीन जारी रखा जो उन्हें सही लगा। यहां पर अब्बास मस्तान का अंदाजा सही निकला और शाहरुख के किरदार की मौत ने इस फिल्म को जबरदस्त हिट बना दिया। इस फिल्म को 25 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी यह फिल्म बॉलीवुड की बेस्ट थ्रिलर फिल्मों में से एक है।

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