अध्यात्म

नवरात्र स्पेशल : नौ दिन करेंगे इन नियमों का पालन तो देवी माँ की होगी विशेष कृपा !

हिन्दू धर्म में शारदीय नवरात्र का खासा महत्ता है, इस दौरान पुरे नौ दिनों तक देवी के नौ रूपों की श्रद्धा भाव से समूचे भारत वर्ष में पूजा अर्चना की जाती है। कुछ लोग इस दौरान नौ दिन का व्रत भी रखतें है। चूँकि नवरात्र को आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने का समय माना जाता है इसलिए इन नौ दिनों तक कुछ ख़ास नियमों का पालन करना आवश्यक माना जाता है। इन नियमों का पालन, जो व्रत करते है उन्हें तो करना ही चाहिए साथ ही जो है करते उन्हें भी अवश्य करना चाहिए। आइये जानें क्या हैं वो खास नियम जिनका पालन करना होता है आवश्यक।

घर में पवित्रता और शुद्धता बनाए रखें


नवरात्र को शुद्धता से जुड़ा हुआ पर्व माना जाता है, इसलिए इन नौ दिनों के दौरान विशेष रूप से अपने घर आँगन की रोज सफाई करें ताकि किसी भी प्रकार से अशुद्धता आपके घर आँगन में प्रवेश कर पूजा में बाधक ना बनें। नवरात्र के दौरान ऐसा माना जाता है की लोगों को नौ दिनों तक बाल नहीं धोना चाहिए और अपने नाखून भी काटने चाहिए। यहाँ तक की जो लोग व्रत करतें हैं उन्हें पलंग के बजाय जमीन पर सोना चाहिए। मान्यता है की ऐसा करने से देवी माँ भक्तों पे खुश होती हैं और आशीर्वाद देतीं हैं।

पति-पत्नी साथ सोने से बचें


नवरात्र में व्रत के समय बार-बार पानी पीने, दिन में सोने, तम्बाकू चबाने और स्त्री के साथ संबंध बनाने से भी व्रत खंडित हो जाता है। यानी नवरात्र में पति-पत्नी को साथ सोने से भी बचना चाहिए। विष्णु पुराण में इस नियम का पालन करने के बारे में बताया गया है।

शादी विवाह के आयोजन से बचें


नवरात्र के दौरान शादी विवाह का आयोजन नहीं करना चाहिए। इसके पीछे कारण ये है की शादी का आयोजन वंश वृद्धि से जुड़ा होता है और नवरात के दौरान स्त्री पुरुष को संबंध नहीं बनाना चाहिए। ये समय देवी माँ के पूजा अर्चना में मग्न होने का होता है इसलिए नवरात्र के दौरान शादी विवाह का आयोजन वर्जित होता है।

रात के समय पूजा करें


ऐसी मान्यता है की नवरात्र में रात के समय पूजा करना अधिक फलदायी होता है। देवी के रूपों को रात्रि स्वरुप माना गया है। यही कारण है की नवरात्र में बहुत से लोग देवी माँ की पूजा रात में करते हैं।

इन सब नियमों का पालन कर आप भी फलदायिनी दुर्गा माँ के आशीर्वाद का हकदार बन सकतें हैं। नौ दिन इन बताये गए नियमों का पालन निश्चित रूप से करें।

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