बॉलीवुड

काला कोट पहनकर निकलते थे देव आनंद और सुसाइड कर लेती थी लड़कियां, फिर कोर्ट ने लिया ऐसा फैसला

हिंदी सिनेमा के दिग्गज और दिवंगत अभिनेता रहे देव आनंद अगर आज हमारे बीच होते तो वे अपना 99वां जन्मदिन मना रहे होते। देव साहब ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी एक ख़ास पहचान बनाई थी। देव साहब के हर अंदाज पर फैंस जान छिड़कते थे। ख़ासकर लड़कियां तो उनके पीछे पागल रहती थी।

dev anand

देव आनंद अपने जमाने के स्टाइल आइकॉन भी माने जाते थे। उन्होंने अपनी अदाकारी के साथ ही फैंस का दिल अपने स्टाइल और लुक्स से भी जीता था। देव साहब क जन्म पाकिस्तान में शेरगढ़ तहसील में 26 सितंबर 1923 को हुआ था। उनका पूरा नाम धरमदेव पिशोरीमल आनंद था लेकिन फ़िल्मी दुनिया के लिए उन्होंने अपना नाम देव आनंद रख लिया था। आइए आपको देव साहब से जुड़ी कुछ ख़ास बातें बताते हैं।

dev anand

देव आनंद ने हिंदी सिनेमा में बतौर अभिनेता ही नहीं बल्कि बतौर निर्देशक भी काम किया था। उन्होंने बॉलीवुड को कई बेहतरीन फ़िल्में दी। उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। बता दें कि अपने दौर में वे सफेद शर्ट और काला कोट पहनकर निकलते थे तो लड़कियां तो बस उन्हें देखती ही रहती थी। फ़िल्मी दुनिया में देव साहब के काले कोट का किस्सा काफी चर्चा में है।

dev anand

एक समय ऐसा भी आया जब देव आनंद के काले कोट पहनने पर अदालत ने रोक लगा दी। देव साहब को सभी काफी पसंद करते थे। लड़के उनकी तरह स्टाइल अपनाते थे और लड़कियां उनके स्टाइल की दीवानी हो जाती थी। जब भी लड़कियां देव साहब को काले कोट में देखती थी तो सब कुछ भूल बैठती थी। इस दौरान कई लड़कियों ने आत्महत्या भी कर ली। यह देव साहब के प्रति लड़कियों की दीवानगी थी।

dev anand

जब देव साहब के काला कोट पहनने पर इस तरह की घटनाएं होने लगी तो मामला अदालत तक जा पहुंचा। अदालत ने मामले में हस्तक्षेप किया और एक बड़ा फैसला लिया। कोर्ट ने फैसला लिया कि देव साहब पब्लिक प्लेस पर काला कोट नहीं पहनेंगे। अदालत ने इस पर पाबंदी लगा दी।

dev anand

देव साहब ने आर्थिक तंगी के कारण कॉलेज की पढ़ाई नहीं पूरी की थी। ऐसे में उनके मन में अभिनेता बनने का ख्याल आया। अभिनेता बनने की चाह लिए उन्होंने ‘मायानगरी’ मुंबई का रुख किया। लेकिन फ़िल्मी दुनिया में काम मिलना आसान नहीं था। ऐसे में पहले उन्होंने मिलिट्री सेंसर ऑफिस में नौकरी की।

नाटकों में किया काम, फिर बॉलीवुड डेब्यू

dev anand

देव साहब ने सालभर तक नौकरी की और फिर आगे जाकर नाटकों में भी काम किया। इसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपने कदम रखें। साल था 1946 और देव साहब की पहली फिल्म थी ‘हम एक है’।

इन बेहतरीन फिल्मों में किया काम, साल 2011 में हो गया था निधन

dev anand

अपने करियर में देव साहब ने काला बाजार, सीआईडी, काला पानी, तेरे घर के सामने, ज्वैल थीफ, हीरा पन्ना, हरे रामा हरे कृष्णा, प्रेम पुजारी, गाइड, जॉनी मेरा नाम जैसी कई बेहतरीन फ़िल्में दी। देव साहब ने साल 2011 में तीन दिसंबर को दुनिया को अलविदा कह दिया था।

Back to top button