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एंबुलेंस के पीछे 8Km दौड़कर घोड़ी पहुंची अस्पताल: बहन के इलाज के दौरान साथ में रही मौजूद

राजस्थान के उदयपुर में दो बेजुबानों के बीच इंसानों जैसा लगाव और प्यार देखने को मिला। यहां एक घोड़ी अचानक बीमार पड़ गई। उसे एंबुलेंस से अस्पताल ले जाने की नौबत आ गई। इस घोड़ी को जब एंबुलेंस में लेकर लोग चलने लगे तो यह देख कर हैरान रह गए कि एक और घोड़ी एंबुलेंस के पीछे-पीछे दोड़ी चली आ रही है। ये घोड़ी अस्पताल तक पहुंच गई।एंबुलेंस के पीछे घोड़ी के दौड़ने का वीडियो भी सामने आया है क्या है पूरा मामला आपको आगे बताते हैं।

उदयपुर में बेजुबान का बेजुबान के प्रति अनोखा प्यार और लगाव देखने को मिला। यहां एक बीमार घोड़ी को इलाज के लिए एनिमल एड सोसायटी की ओर से हॉस्पिटल ले जाया जा रहा था। उस दौरान उसकी बहन (घोड़ी) उस एम्बुलेंस के पीछे-पीछे करीब 8 किलोमीटर तक दौड़कर हॉस्पिटल पहुंच गई।

 कर्मचारियों ने दोनों बहनों को साथ रखा

दो बहनों के बीच में इस अटूट प्यार को देखकर कर्मचारियो का दिल पिघल गया। उनके इस प्यार का का सम्मान करते हुये एनिमल एड सोसायटी ने बीमार घोड़ी के पास उसकी बहन को भी रखा है।

एनिमल एड सोसायटी के दीनदयाल भी दो बहनों के इस प्यार को देखकर काफी अचंभित हैं। दीनदयाल ने बताया कि सोमवार को एक घोड़ी के बीमार होने की कॉल उनकी सोसाइटी को मिली थी। उस पर एम्बुलेंस उस घोड़ी को हॉस्पिटल लाने के लिए पहुंची। घोड़ी की स्थिति बेहद खराब थी। ऐसे में उसे तुरंत एम्बुलेंस में हॉस्पिटल लाया गया।

दोनों घोड़ियों में बहन का रिश्ता है

उसी दौरान एम्बुलेंस चालक ने कांच में एक दूसरी घोड़ी को पीछे भागते हुए देखा। इस पर एम्बुलेंस चालक ने अपनी गाड़ी की रफ्तार कुछ धीमी कर ली। पीछे भाग रही घोड़ी करीब 8 किलोमीटर का सफर तय कर एम्बुलेंस के पीछे पीछे हॉस्पिटल पहुंच गई। एनिमल एड सोसायटी ने जब जानकारी जुटाई तो पता चला कि यह दोनों घोड़ी बहनें हैं।

 बीमार घोड़ी के साथ मौजूद है बहन

बीमार घोड़ी की स्थिति बेहद चिंताजनक है। ऐसे में एनिमल एड सोसायटी ने उसकी बहन को भी अपने हॉस्पिटल में ही बीमार घोड़ी के पास में रखा है। फिलहाल दोनों घोड़ी हॉस्पिटल में हैं. वहां एक का इलाज चल रहा है तो दूसरी उसके पास मौजूद है। एनिमल एड सोसायटी के एडवाइजर डॉ. जिनेंद्र शास्त्री ने भी इस अनूठे मामले को बेजुबान का बेजुबान  के प्रति अटूट प्रेम का उदाहरण बताया है।

ऐसी मिसाल कम मिलती है

डॉ. जिनेंद्र शास्त्री ने कहा कि इंसानों से इंसान और इंसानों से बेजुबान जानवर के प्रति लगाव के तो कई किस्से हैं, लेकिन बेजुबानों का बेजुबानों के प्रति प्रेम का यह मामला वाकई में एक मिसाल है। एम्बुलेंस के पीछे आई घोड़ी बीमार घोड़ी को ही देखते रहती है। यह देखकर सोसाइटी के सदस्य भी अचंभित हैं।

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