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शादी के 5 घंटे बाद ही हुई दुल्हन की मौत, दर्दनाक मंजर को जिसने भी देखा उसकी आंखें नम हो गई

शादी हर व्यक्ति के लिए जीवन का बहुत बड़ा दिन होता है। सिर्फ लड़की ही नहीं लड़के के लिए भी ये शादी लाइफ चेंजिंग ईवेंट होता है। जब उसकी शादी तय हो जाती है तो वह अपने नए जीवन की कल्पना बहुत पहले से ही करने लगता है। ऐसे में सोचिए क्या होगा जब एक लड़का शादी के बाद दुल्हन को अपने घर ले जाने की बजाय सीधा श्मशान घाट ले जाए। यकीनन ऐसा कोई भी नहीं चाहेगा लेकिन बिहार में एक दूल्हे को ऐसा ही कुछ करना पड़ा। शादी के कुछ ही घंटों बाद उसकी नई नवेली दुल्हन का निधन हो गया। आइए इस पूरे मामले को विस्तार से जानते हैं।

marriage bride groom hand

दरअसल ये पूरा मामला बिहार के मुंगेर जिले का है। यहां 8 मई को अफजल नगर पंचायत के खुदिया गांव में रंजन यादव उर्फ रंजय की बेटी निशा कुमार की शादी थी। शादी को लेकर परिजन बहुत खुश थे। पिता बेटी को दुल्हन के जोड़े में देखने को बेताब था। फिर शादी वाला दिन आया। हवेली खड़गपुर प्रखंड के महकोला गांव से सुरेश यादव के बेटे रवीश बारात लेकर आए। लड़की पक्ष ने बारात का अच्छे से स्वागत किया। खाना पीना भी हो गया। शादी की रस्में भी लगभग पूरी हो गई।

बस जैसे ही सिंदूरदान की रस्म शुरू हुई तो दुल्हन की तबीयत अचानक बिगड़ गई। ऐसे में रिश्तेदार आनन फानन में दुल्हन को भागलपुर के प्राइवेट अस्पताल ले गए। यहां उसका इलाज शुरू हुआ। लेकिन कुछ ही देर बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लड़की की शादी को बस 5 घंटे ही हुए थे कि वह दुनिया छोड़ चली गई। दुल्हन की मौत से दूल्हा सदमे में आ गया। वहीं लड़की के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हो गया।

dead bride

जिस घर में शादी की शहनाइयां गूंज रही थी वहां अचानक से मातम और शौक की लहर उमड़ पड़ी। किसी को विश्वास नहीं हुआ कि लड़की अपनी शादी के कुछ ही घंटों में दुनिया को अलविदा कह गई। इस दर्दनाक मंजर को जिसने भी देखा उसकी आंखें नम हो गई। पूरा गाँव दुल्हन की मौत से उदास हो गया।

groom at bride funeral

उधर दूल्हे के सामने एक अजीब विडम्बना आ गई। जिस दुल्हन को वह अपने घर ले जाने वाला था उसे श्मशान घाट ले जाना पड़ा। पति रवीश कुमार ने कुछ घंटों पहले ही अपनी पत्नी निशा संग सात जन्मों तक साथ निभाने की कसमें खाई थी। और अब उसे ही अपने हाथों से नई नवेली पत्नी की चिता की मुखाग्नि देनी पड़ी। लड़की का अंतिम संस्कार सुल्तानगंज स्थित श्मशान घाट पर हुआ।

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