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शादियों पर लगा कोरोना ग्रहण, अप्रैल-मई में टली शादियां तो पूरे साल में मिलेंगे सिर्फ 9 दिन

शादी आयोजित कराने वालों पर कोरोना महामारी के चलते रोजगार का संकट आ गया है

देश में कोरोना संकट को बढ़ते देख पहले 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। वहीं एक बार फिर इस लॉकडाउन को 19 दिनों के लिए और बढ़ा दिया गया है। अब 3 मई तक देश में संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा। कोरोना महामारी से निपटने के लिए ये कदम एक जायज है, लेकिन बहुत से ऐसी चीजें हैं जो इस लॉकडाउन से बहुत प्रभावित हुई हैं। रोजगार, व्यवसाय पर तो कोरोना की मार पड़ी है आने वाले समय में जो शादियां होने वाली थीं वो भी इससे खासी प्रभावित हो गई हैं।  लॉकडाउन का मतलब है 3 मई तक आप घरों से नहीं निकल सकते, ऐसे में इन दिनों में शादी होने का सवाल नहीं उठता।

अप्रैल-मई में शादी के कोई आसार नहीं

शादी विवाह के कार्यक्रम हमारे देश में शुभ मुहूर्त देखकर ही रखे जाते हैं। साल में अप्रैल और मई का महीना विवाह के लिए सबसे उचित माना जाता है, लेकिन अब कोरोना के चलते पहले से तय शादी और कार्यक्रमों को भी टालना पड़ रहा है। वहीं अगर अप्रैल और मई का महीना हटा दें तो भी इस साल विवाह का शुभ मुहूर्त कम बचा है।

इस महीने अप्रैल और आने वाले महीने मई की बात करें तो पूरे 12 शुभ मुहूर्त इन दो महिनों में सबसे ज्यादा हैं। अब लॉकडाउन के चलते ना लोग शादी-विवाह में इकट्ठा हो सकते हैं ना ही कोई कार्यक्रम कहीं आयोजित हो सकता है। इसके कारण इन दो महीनों में पड़ने वाली शादियां भी स्थगित कर दी गई हैं। ऐसे में पूरे 12 शुभ मुहूर्त इन दो महिनों में ही निकल जाएंगे। आगे की स्थिति भी अभी चिंताजनक है। हालांकि जून के महीने में शादी का लग्न बनता है, लेकिन अभी की स्थिति देखकर लोग उसे लेकर भी आशस्वत नहीं है। अगर सब कुछ सामान्य हो जाता है तो कार्यक्रमों का दबाव भी बढ़ेगा। साथ ही आयोजकों को भी परेशानी उठाने पड़ेगी।

शादी ना होने से रोजगार पर असर

विवाह के शुभ मुहूर्त के निकल जाने का अफसोस सिर्फ घर के लोगों को नहीं है। इससे उन लोगों को भी फर्क पड़ रहा है जो ये कार्यक्रम आयोजित कराते हैं। कुछ लोगों का व्यवसाय ही शादी आयोजित कराना है और उनकी रोजी रोटी भी इसी पर निर्भर करती है। होटल, मैरिज ह़ॉल, कार्ड प्रिटर्स, केटरर्स भी इन्हीं आयोजनों के इंतजार में रहते हैं। कोरोना के चलते इनका काम भी ठप पड़ा है। अब जब तक लॉकडाउन हटेगा नहीं, विवाह नहीं होगा और अगर विवाह का कार्यक्रम नहीं होगा तो इनका रोजगार भी आगे नहीं बढ़ेगा।

गौरतलब है कि इस साल पहले से ही कम मुहूर्त मौजूद थे ऊपर से जिस महीने में सबसे अधिक शादी का मुहूर्त पड़ता है वहां पूरा महीना ही लॉकडाउन के चलते पैक हो गया है। इससे जिनकी शादी इन महीनों में फिक्स थी उनके साथ साथ शादी आयोजित कराने वाले लोगों के अंदर में उदासी छाई हुई है। अभी की स्थिति को देखते हुए ये ही कह सकते हैं की आगे सब सामान्य होने में काफी वक्त लगेगा।

इस साल बहुत कम दिनों के लिए हैं विवाह के मुहूर्त-

जुलाई से 14 नवंबर तक कोई मुहूर्त ही नहीं है।

अप्रैल महीने में विवाह के शुभ दिन

15, 20, 25, 26, 27

मई के महीने में विवाह के शुभ दिन

1,2,4,6,17,18,19

जून में विवाह के शुभ मुहूर्त

13, 15 और 30

नवंबर में 25 और 30 और सिर्फ 7 और 9 दिसंबर को विवाह के आखिर मुहूर्त इस साल है।

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