अध्यात्म

पूजा पाठ नियम: भूलकर भी ना करें शनि की पूजा में तांबे के बर्तन और इन चीजों का प्रयोग

23 जनवरी से शनि ग्रह अपनी राशि बदलने जा रहा है और धनु से मकर राशि में प्रवेश करने जा रहा है। शनि के इस परिवर्तन से कई राशियों में साढ़ेसाती शुरू होने वाली है। जबकि जिन राशियों में साढ़ेसाती चल रही है वो खत्म हो जाएगी।

इन रशियों पर पड़ेगा असर

शनि के इस राशि परिवर्तन से कुंभ राशि वालों के जीवन में साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। जबकि वृश्चिक राशि में चल रही साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। इसके अलावा वृष और कन्या राशि में चल रही ढय्या भी खत्म हो जाएगी और मिथुन-तुला राशि में शनि की ढय्या शुरू हो जाएगा। जिन जातकों के जीवन में साढेसाती शुरू हो रही है  वो नीचे बताए गए उपायों को करें। इन उपायों को करने से शनि की साढ़ेसाती का बुरा असर नहीं पड़ेगा।

इस तरह से बचें साढ़ेसाती के प्रकोप से

शनिदेव की करें पूजा

हर शनिवार के दिन शनि मंदिर जरूर जाएं और शनिदेव की पूजा करें। शनिदेव की पूजा करते समय केवल लोहे के बर्तनों का ही प्रयोग करें। इसके अलावा शनिदेव को लोहे की धातु भी अर्पित करें।

ना करें तांबे के बर्तन का प्रयोग

शनि देव की पूजा करते समय तांबे के बर्तनों का उपयोग करने से बचें। क्योंकि तांबा सूर्य की धातु है और पुराणों के अनुसार शनि और सूर्य एक-दूसरे के शत्रु माने जाते हैं। इसलिए शनि की पूजा में तांबे के बर्तनों का प्रयोग ना करें।

जरूर चढ़ाएं तेल

शनिदेव की पूजा करते हुए उन्हें सरसों का तेल जरूर चढ़ाएं। पूजा करते हुए सबसे पहले शनिदेव के सामने दीपक जलाएं। इसके बाद उनपर सरसों का तेल चढ़ाएं। इसके अलावा काले तिल भी पूजा के दौरान इस्तेमाल करें।

केवल चढ़ाएं काले और नीले रंग की चीजें

कुंडली में साढ़ेसाती शुरू होने पर शनिदेव को काले या नीले रंग की चीजे समय-समय चढ़ाते रहें। साथ में ही इस बात का ध्यान भी रखें कि आप शनिदेव को भूलकर भी लाल रंग के कपड़े, फूल और फल अर्पित ना करें।

पश्चिक दिशा की और मुख रखकर करें पूजा

शनि देव को पश्चिम दिशा का स्वामी कहा जाता है। इसलिए जब भी इनकी पूजा करें या इनसे जुड़े मंत्रों का जाप करें तो आप अपने मुख को इसी दिशा मे रखें।

करें हनुमान जी की पूजा

शनि मंदिर में अक्सर शनि देव के साथ हनुमान जी की मूर्ति भी रखी होती है। दरअसल ऐसा माना जाता है कि अगर शनिदेव के साथ हनुमान जी की पूजा की जाए तो साढेसाती का प्रकोप नहीं पड़ता है। इसलिए कुंडली में साढ़ेसाती शुरु होने पर आप शनिदेव के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा भी किया करें। शनि मंदिर जाकर पहले शनिदेव की पूजा करें और उसके बाद हनुमान जी को भी सरसो का तेल चढ़ाएं और उनके सामने एक तेल का दीपक भी जला दें।

ऊपर बताई गई बातों का पालन करने से शनिदेव की साढ़ेसाती से आपकी रक्षा होगी और साढ़ेसाती का बुरा असर आपके जीवन पर नहीं पड़ेगा। इसलिए जिन लोगों की राशि में शनि की साढ़ेसाती या ढय्या शुरू हो रही है वो इन उपायों को जरूर करें।

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