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7 तारीख को चांद की सतह पर लैंड करेगा चंद्रयान-2, NASA के वरिष्ठ वैज्ञानिक भी भारत आकर लाइव देखेंगे

चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से विक्रम लैंडर के अलग होने के बाद इसरो ने मंगलवार को लैंडर डी-ऑर्बिटिंग (De-orbiting) का टेस्‍ट किया है। इसरो के अनुसार अब 4 सितंबर को अगला डी-ऑर्बिटिंग किया जाएगा और इसके बाद 7 सितंबर को विक्रम लैंडर को चांद की सतह पर उतार दिया जाएगा। चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद विक्रम लैंडर चांद के सतह पर कई अहम शोध करेगा। जिससे इसरो को चांद से जुड़े कई रहस्यों को पता लगाने में मदद मिलेगी।

चौथा देश होगा भारत

लैंडर को चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतारे जाने के साथ ही भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन जाएगा, जो चांद पर लैंडर को कामयाबी के साथ उतारने में सफल होगा। भारत से पहले अमेरिका, रूस और चीन देश सफलता के साथ अपना लैंडर चांद की सतह पर उतारने में कामयाब हुए हैं। वहीं सात सितंबर को लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के चांद पर उतरते ही भारत का नाम भी इन देश के साथ जुड़ जाएगा।हाल ही में इसरो ने एक बयान जारी कर बताया कि चंद्रयान-2 चंद्रमा की कक्षा में लगातार धूम रहा है और चंद्रयान-2 में लगाए गए ऑर्बिटर और विक्रम लैंडर दोनों  एकदम सही हैं।

हालांकि चद्रंमा की सतह पर लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को उतारना काफी कठिन साबित होने वाला है। क्योंकि चांद की सतह पर काफी गड्ढे हैं और इन गड्डों में इनकी सही से लैंडिंग करवाना इसरो के लिए चुनौती भरा होने वाला है। दरअसस लैंडर विक्रम को चांद के दो बड़े गड्ढों मैजिनस सी और सिंपेलियस एन के बीच उतरा जाना है।

दुनिया भर की नजर है इस मिशन पर

चंद्रयान-2 मिशन पर दुनिया भर के वैज्ञानिकों की नजर है और हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पूर्व वैज्ञानिक डॉनल्ड ए थॉमस ने चंद्रयान-2 पर एक बयान देते हुए कहा था कि चंद्रयान-2 ऐसा पहला यान होगा जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा। इतना नहीं NASA के वरिष्ठ वैज्ञानिक एम लिनेगर इस मिशन के चलते भारत आए हैं और सात तारीख को लैंडर विक्रम के चंद्रमा की सतह पर उतारे जाने का प्रसारण वो लाइव देखने वाले है।

गौरतलब है कि 22 जुलाई 2018 को इसरो द्वारा चंद्रयान-2 को लॉन्च किया गया था और सात सितंबर को चंद्रयान- 2 में लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड किया जाएगा। वहीं अगर भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडर को लैंड करवाने में कामयाब हो जाता है, तो भारत पहला ऐसे देश बन जाएगा जिसने यान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से लैंड करवाया होगा। आपको बात दें कि चंद्रयान- 2 का कुल वजन 3.8 टन है और  इसमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर लगाए गए हैं। लैंडर विक्रम का वजन 1,471 किलोग्राम है और इसका नाम वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है।

चंद्रयान-2 मिशन की लाइफ 1 साल की होगी और ये एक साल तक इसरो के वैज्ञानिकों के संपर्क में रहेगा पाएगा और चांद की जानकारी  धरती पर वैज्ञानिकों के पास भेजेगा। आपको बता दें कि धरती का एक दिन चांद के 14 दिनों के बराबर होता है।

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