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अब एड्स की जांच कराए बिना नहीं होगी कपल्स की शादी, भारत के इस राज्य में लागू होगा कानून

शादी एक पवित्र बंधन होता हैं. इसे तय करने के पूर्व कपल्स को एक दुसरे के बारे में सबकुछ जानने का अधिकार रहता हैं. आप सामने वाले से जुट नहीं बोल सकते, आपको ईमानदारी से उसे सबकुछ बता देना चाहिए. हालाँकि कुछ लोग चालाकी दिखाते हैं और शादी के पहले अपनी किसी बीमारी के बारे में सामने वाले को नहीं बतलाते हैं. इनमे से कुछ बीमारियाँ तो इतनी घातक होती हैं जो शादी के बाद दुसरे पार्टनर में भी फ़ैल सकती हैं. ऐसी ही एक बिमारी हैं एचआईवी एड्स. पूरी दुनियां में पीड़ित एड्स मरीजों की संख्या में भारत तीसरे नंबर पर आता हैं. हमारी सरकार लोगो को इस बिमारी के प्रति जागरूक करने की कई कोशिश करती हैं. लेकिन इसके बावजूद भारत में वर्तमान में 21 लाख लोग एड्स बिमारी से पीड़ित हैं. इसमें बड़ो के साथ बच्चे भी शामिल हैं.  द नेशनल एड्स कंट्रोल प्रोग्राम ने समय समय पर इस स्थिति से निपटने एयर HIV वायरल को फैलने से रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं. फलस्वरूप 2010 से 2017 के बीच देश में देश में एड्स संबंधित मृत्यु दरो में 27 प्रतिसत गिरावट आई हैं.

इस बिमारी को भविष्य में और भी ज्यादा फैलने से रोकने हेतु गोवा की सरकार एक अनोखा कदम उठाने जा रही हैं. दरअसल इस सरकार ने फैसला लिया हैं कि अब से शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के पूर्व HIV टेस्ट कराना जरूरी होगा. गोवा के हेल्थ मिनिस्टर विश्वजीत राणे ने बीते मंगलवार इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान इस बात को कन्फर्म भी किया हैं. उन्होंने कहा कि “ वर्तमान में ऐसा कोई नियम नहीं हैं लेकिन हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि गोवा में शादी करने वाले कपल्स के लिए एचआईवी टेस्ट कराना आवश्यक कर दे.

विश्वजीत राणे का ये प्रपोजल फिलहाल लॉ डिपार्टमेंट के पास हैं. यदि ये इस डिपार्टमेंट से पास हो जाता हैं तो मानसून सीजन तक इसे कानूनी रूप से लागू कर दिया जाएगा. बता दे कि हेल्थ मिनिस्टर दयानंद नार्वेकर ने भी 2006 में गोवा केबिनेट में इसी तरह का एक प्रपोजल दिया था लेकिन इस पर तब कारवाई आगे नहीं हो पाई थी.

गोवा सरकार की तरफ से ये सच में बहुत ही अच्छा कदम हैं. हमें उम्मीद हैं कि देश कबकी राज्यों की सरकार भी जल्द ही इस नियम को लागू कर देगी. यदि ऐसा होता हैं तो देश में एड्स फैलना बहुत कम हो जाएगा. भारत एक ऐसी जगह हैं जहाँ कल्चर के चलते लोग इस तरह की बाते खुलकर करना पसंद नहीं करते हैं. शादी के पहले इस तरह के टेस्ट की मांग करने की हिम्मत आम परिवार में नहीं होती हैं. हालाँकि यदि सरकार आगे आकर इसे शादी के पहले आवश्यक बना देती हैं तो नियम का पालन करते हुए सभी को ये टेस्ट कराना ही होगा. इससे व्यक्ति को ये लाभ होगा कि उसकी शादी अंजाने में किसी एड्स पीड़ित मरीज से नहीं होगी. इस तरह आपकी जन भी बच जाएगी और देश में भी एचआईवी के केस की संख्या कम होती चली जाएगी.

वैसे आपकी शादी के पहले इस एचआईवी टेस्ट कराने के बारे में क्या राय हैं? क्या पुरे देश में इस नियम को लागू होना चाहिए? अपने जवाब कमेंट में बताए.

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