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मोदी ने कहा- किसी के गले से नहीं उतरेगी ये बात, मगर सच्चाई यही है 35 साल तक भिक्षा मांग कर खाया

भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री में से एक नरेंद्र मोदी इन दिनों अपने इंटरव्यू को लेकर सुर्खियों में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दो इंटरव्यू दिए, जिसमें से एक गैर-राजनीतिक तो दूसरा राजनीतिक। जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन दोनों ही इंटरव्यू में अपने जीवन के संघर्षों के बारे में बात करते हुए भारत की तरक्की के बारे में भी बातें की। पीएम मोदी ने जनता को एक बार फिर से भरोसा दिलाया कि भारत के विकास के लिए मजबूत सरकार ही एक मात्र विकल्प है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीवी चैनल आजतक को दिए गए इंटरव्यू में कई बड़े खुलासे किए। इस इंटरव्यू में जहां एक तरफ पीएम मोदी ने देश की राजनीति पर बात की तो वहीं दूसरी तरफ अपने जीवन से जुड़े संघर्षों के बारे में भी बताया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे बंधनों से मुक्त रहना अच्छा लगता है और इसीलिए ही मैं कभी भी बंधन में नहीं बंधा। इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने इंटरव्यू में गुजरात से निकलने के बाद से उनका सफर कैसा रहा, उस पर भी ढेर सारी बाते की, जिसमें से कुछ प्रमुख बाते हम आपके लिए लेकर आए हैं।

32 साल तक घर नहीं लौटा मैं- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सफर के बारे में बात करते हुए कहा कि जब मैं घर छोड़कर गया तो 32 साल तक घर नहीं आया। मैं घर तब आया, जब मेरे पिताजी का स्वर्गवास हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं उनकी अंत्येष्टी में घर आया है। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि मैं बंधनों से मुक्त रहता हूं, ऐसे में जब 1995 के चुनाव में गुजरात में दो तिहाई बहुमत मिला तो मेरी पार्टी ने मुझे कहा कि तुम्हें कहीं और जाना है, तो मैं झोला उठा कर चंडीगढ़ चल गया और वहां भी पार्टी की सेवा करने लगा।

35 साल तक भिक्षा मांग कर खाया- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि शायद कोई यकीन नहीं करेगा, लेकिन मैंने 35 साल भिक्षा मांग कर खाना खाया है। मोदी ने कहा कि मैं कहीं भी बिना बताए चला जाता था और जहां खाना मिलता था, वहीं से खाकर आता था और अगर नहीं मिलता था, तो नहीं खाता। इसके साथ ही अगर पार्टी के काम में देरी हो जाती थी, तो मैं सिर्फ खिचड़ी बनाकर खाया हूं। पीएम मोदी ने कहा कि मैं 35 सालों तक भिक्षा मांग कर खाया हूं, तो आगे भी खुद बना के खा सकता हूं। मोदी ने कहा कि आरएसएस शाखा में मैं सुबह 5 बजे उठता है, जिसके बाद झाड़ू पोछा और फिर 5.45 पर सबको उठाना होता था, जिसके बाद नाश्ता भी खिलाता था।

मैंने मजबूरी नहीं, इच्छा से त्याग किया- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने अपनी ज़िंदगी इस तरह से व्यतीत की यह मेरी मजबूरी नहीं, बल्कि त्याग था। त्याग की भावना मेरे अंदर हमेशा से रही। मोदी ने कहा कि आज भी मैं पहाड़ो पर रहना चाहता हूं, लेकिन अब ये संभव नहीं है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि मेरी ज़िंदगी में एक ऐसा व्यक्ति है, जिसे सबकुछ पता है और उसे मैं सबकुछ बताता हूं, क्योंकि जीवन में एक ऐसे इंसान का होना ज़रूरी है, लेकिन मैं उस शख्स का नाम नहीं बताऊंगा।

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