अध्यात्म

यहां रेलगाड़ियां भी करती हैं हनुमान जी के मंदिर को प्रणाम

देश में कई दिव्य शक्तियों वाले मंदिर हैं, जिनकी अपनी पहचान है। आम लोगों में ये अकसर देखा गया है। जब भी कोई धार्मिक स्थान पड़ता है, सिर अपने आप झुक जाता है। यहां तक की पीपल का पेड़ देकर भी लोग सिर झुका देते है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है की कोई ट्रेन मंदिर के पास से गुजरने पर सिर झुका दे। लेकिन ऐसा होता है। मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के एक हनुमान मंदिर में जहां ड्राइवर जब भी गुजरते हैं। ट्रेन की रफ्तार धीमी कर देते हैं। आप यकीन करें या न करें, मगर ऐसा होता है, कम से कम मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के एक गांव के हनुमान मंदिर में तो हो रहा है।

भारत मंदिरों का देश है। हर मंदिर से जुड़ी अपनी अनूठी कहानी है। मगर कभी आपने सुना है कि किसी मंदिर के पास पहुंचते ही ट्रेन की रफ्तार अपने आप थम जाए। ये मंदिर इसलिए भी खास है, क्योंकि यहां हनुमान जी की प्रतिमा की बाईं तरफ गणेश जी की मूर्ति स्थापित की गई है। लोगों का मानना है कि इस मंदिर में एक साथ गणेश जी और हनुमान जी की प्रतिमा होना बड़ा शुभ है। इसलिए यहां आने वाले भक्तों की हर मुराद पूरी होती है।

हनुमान जी के इस मंदिर को लेकर लोगों का मानना है कि मंदिर में विराजे अंजनि पुत्र महावीर लोगों का भविष्य बताते हैं। क्योंकि जो भी भक्त यहां आता है, उसे अपने जीवन में आने वाली घटनाओं का पूर्वाभास हो जाता है। इसके कई प्रमाण है, कई लोगों को इसका अहसास भी हुआ है। जब से लोगों को भविष्य की घटनाओं का आभास हुआ है। लोगों का मंदिर और हनुमान जी पर विश्वास और पक्का हो गया है।

शाजापुर के इस मंदिर को लेकर लोगों में कई तरह के अनुभव हैं। लोग जिन्हे चमत्कार मानते है। उन्ही में से एक है। इस मंदिर के पास से गुजरने वाली ट्रेन का अचानक रुक जाना। आप भी ये सोचकर हैरान होंगे कि कैसे तेज रफ्तार से चलने वाली ट्रेन इस मंदिर के पास से गुजरते वक्त अचानक धीमी हो जाती है। इस  रहस्य का खुलासा यहां के पुजारी स्वयं करते है। पुजारी बताते हैं कि कई बार ट्रेन के लोको पायलट ने अपने अनुभवों को साझा किया है। पुजारी के अनुसार इस मंदिर के पास पहुंचते ही लोको पायलट को ऐसा लगता है कि जैसे कोई उन्हें ट्रेन की रफ्तार कम करने के लिए बोल रहा है।अगर लोको पायलट इस अहसास को नजरअंदाज कर देते हैं और ट्रेन की रफ्तार के कम नहीं करते तो वो मंदिर के करीब पहुंचते ही खुद-ब-खुद कम हो जाती है।

मंदिर के पुजारी एक घटना का जिक्र करना यहा नहीं भूलते, मंदिर के पुजारी एक अजीबोगरीब वाकया बताते हैं कि कुछ दिन पहले यहां दो मालगाड़ियों के बीच टक्कर हो गई थी। घटना के बाद दोनों ट्रेनों के लोको पायलट से जब दुर्घटना के बारे में पूछा गया तो दोनों ने रहस्यमयी ताकत या अहसास के बारे में बताया उन्हें इस दुर्घटना का पूर्वाभास हो गया था।

लोको पायलट ने बताया की मालगाड़ी टकराने से पहले उन्हें ये सुनाई दिया कि जैसे कोई कह रहा हो कि ट्रेन की रफ्तार कम कर लो। मगर रफ्तार की धुन और समय से पहुंचने के चलते दोनों ने इसे नजरअंदाज करते हुए ट्रेन की रफ्तार धीमी नहीं की। जिसके बाद दोनों ट्रेनों में भीषण टक्कर हो गई।

शाजापुर जिले के बोलाई गांव का ये हनुमान मंदिर खास है। श्री सिद्ववीर खेड़ापति हनुमान मंदिर 600 साल पुराना है। इतने साल गुजर जाने के बाद भी लोगों की इस मंदिर में आस्था कम नहीं हुई है। दूर-दूर से लोग इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने आते हैं।

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