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वादियों में बसने के लिए सरकार दे रही है पैतालिस लाख रुपए, ये है शर्त

लोग एक घर बनाने के लिए सारी जिंदगी जी तोड़ मेहनत करते हैं, और पूरी कमाई घर बनाने में लगा देते हैं। कुछ लोगों की मकान बनाने की ख्वाहिश हसरतों में ही दबी रह जाती है। ऐसा ही एक ऑफर इन दिनों सरकार दे रही है। एक ऐसा गांव जहां पर बसने की एवज में सरकार आपको 45 लाख रुपए देगी, सुनकर हो सकता है आपको भरोसा न हो लेकिन ये पूरी तरह सच है। दरअसल स्विटजरलैंड के एक गांव में परिवार को बसाने पर 53 हजार ब्रिटिश पाउंड यानी करीब 45 लाख 50 हजार रुपए का ऑफर किया जा रहा है. खबर के मुताबिक स्विटजरलैंड का माउंटेन विलेज अल्बिनेन लोगों की कमी से जूझ रहा है. यहां रहने वाले परिवार शहरी जिंदगी की तरफ आकर्षित होकर शहरों की ओर भाग रहे हैं। जिसके बाद गांव में 245 लोग ही बचे हैं। ऐसे में सरकार की इच्छा है कि लोग गांव में रहें।

दरअसल गांव में सात परिवार बचे हैं। बीते साल ही गांव से तीन परिवारों ने पलायन किया था। गांव में बने घर खाली पड़े हुए हैं। यहां कोई रहने वाला नहीं है। गांव में शानदार चर्च की भी सुविधा है। लोगों के गांव से लगातार पलायन के कारण यहां पर केवल 7 ही बच्चे बचे हैं। इस वजह से गांव में चलने वाला स्कूल भी बंद कर दिया गया है।

भारत की तरह इस गांव में भी नौकरी की कमी है। जिससे लोग बेरोजगारी में जीवन जीने  को मजबूर हैं। गांव में जनसंख्या कम होने के कारण लोकल अथॉरिटी ने यहां पर परिवारों को बसाने के लिए बड़ी मात्रा निवेश करने की योजना बनाई है। जिसके लिए 45 साल से कम उम्र के लोगों को परिवार के साथ बसने का ऑफर दिया गया है. स्विटजरलैंड का यह गांव समुद्री लेवल से करीब 4265 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. म्युनिसिपलिटी प्रेसिडेंट बीट जोस्ट ने कहते हैं कि शांति, खूबसूरत नजारे और ताजगी भरी हवा इस गांव की खासियत है. अथॉरिटी की तरफ से ऑफर दिया जा रहा है कि गांव में आने वाले लोग अपनी जमीन खरीदकर भी यहां मकान बनवा सकते हैं.

लोकल अथॉरिटी की तरफ से गांव में शिफ्ट होने वाले परिवारों के लिए कुछ शर्तें भी तय की गई हैं। इसके तहत सब्सिडी का फायदा लेने वाले परिवार गांव के कुछ नियम-कायदे भी मानना पड़ेगा। इसके तहत यहां आने वाला कोई भी परिवार मकान खरीदने के बाद या 10 साल बाद भी अगर गांव छोड़कर जाता है तो उसे पूरी रकम वापस करनी होगी। यानी यहां आना तो आसान है लेकिन वापस जाना मुश्किल है। ऐसे में ऑथोरिटी को ऐसे परिवार भी मिल नहीं रहे ऐसे में प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की भी तैयारी है।

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