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वियतनाम पहुँच पीएम मोदी ने किया ऐसा समझौता जिसे देख जल उठेगा चाइना !!

नरेंद्र मोदी ने चीन पहुँचने से पहले वियतनाम का सफर तय किया। यहाँ वो वियतनाम की राजधानी हनोई पहुँचे और वहां के पीएम नगुएन जुआन फुक के साथ डेलिगेशन लेवल की बातचीत की। मोदी जी का वहाँ भव्य स्वागत किया गया और उन्हें दर्शन के लिए बौद्ध मंदिर कुआन सू पगोडा ले जाया गया। 2001 में अटल जी के 15 साल बाद मोदी जी ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो वियतनाम पहुँचे।वियतनाम की एक बार अमेरिका के साथ साठ के दशक में जंग हुई थी।

इसके बाद तीन बार उसकी चीन के साथ जंग हो चुकी है, इस बात को मद्देनज़र रखते हुए प्रधानमंत्री जी ने नगुएन से कहा कि, ” युद्ध ने आपको दुनिया से अलग रखा लेकिन बुद्ध ने हमारे करीब ला दिया है। यहाँ से आज शनिवार को मोदी जी-20 समिट में हिस्सा लेने के लिए चीन के हांगझोउ शहर को रवाना हो गए, फिर उन्होंने जी-20 समिट में हिस्सा लिया। यहाँ भारत-वियतनाम ने रक्षा, आईटी, अंतरिक्ष, डबल टैक्सेशन और समंदर में सूचना और कम्युनिकेशन को लेकर 12 समझौते साइन हुए। मोदी और वियतनामी पीएम नगुएन जुआन फुक की मौजूदगी में दोनों देशों के ऑफिशियल्स ने एग्रीमेंट्स पर साइन किया। वियतनाम ने एयर और डिफेंस प्रॉडक्शन में खासा इंटरेस्ट दिखाया है। भारत की एलएंडटी कंपनी वियतनामी कोस्ट गार्ड्स के लिए हाईस्पीड पैट्रोलिंग बोट्स भी बनाएगी। भारत और वियतनाम नेवी एक-दूसरे से शिपिंग इन्फॉर्मेशन भी साझा करेंगी।

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दोनों देशों के मध्य स्वस्थ्य, साइबर सुरक्षा, कॉन्ट्रैक्ट एंड डिजाइन, इक्विपमेंट्स की सप्लाई और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को लेकर भी कई समझौते हुए। दोनों देशों ने ये भी तय किया 2017 में ये दोनों ‘द इयर ऑफ फ्रेंडशिप’ भी मनाया जाएगा, जो इनकी दोस्ती की अन्य देशों को मिसाल होगी।

यह दौरा इसलिए भी अहम रहा क्योंकि चीन-वियतनाम के बीच 3 बार जंग हो चुकी है। साउथ चाइना सी में भारत वियतनाम के साथ ऑयल एक्सप्लोरेशन कर रहा है। जिससे चीन को एतराज है। अभी हाल में हेग स्थित इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल ने दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को खारिज किया है। चीन भी इस फैसले को यह कहते हुए खारिज कर चुका है कि उसके लिए यह सिर्फ कागज का टुकड़ा है। हमारा 50 फीसदी समुद्री कारोबार इसी रास्ते से होता है। भारत केलिए ऐसे में यह एक सुनहरा अवसर है।

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